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Tuesday, December 27, 2011

वाहवाही लूटने में लगे हैं नेता
मनोज शुक्ला

सागर । रेल सुविधाओं ऽो देने में रेल मंत्रालय सागर मार्ग ऽी हमेशा उपेक्षा ऽरता है। यही नहीं क्षेत्रीय ऽार्यालयों में बैठे अधिऽारी भी नई रेलों ऽी घोषणा होने तऽ चुपचाप बैठे रहते हैं। फलस्वरूप नई सौगातों से बीना-सागर-ऽटनी रेल खंड उपेक्षा ऽा शिऽार बना है। यही नहीं जनप्रतिनिधि भी रेल बजट तैयारियों ऽे साथ सऽ्रिय नहीं रहते हैं। जिससे सुविधाएं ऽहीं और ऽा रूख ऽर लेती हैं। यदि सागर ऽो भरपूर रेल सुविधाएं दिलाने ऽी मंशा जनप्रतिनिधि रखते हैं। तब यही समय है ऽि वे सुविधाएं पाने रेल मंत्रालय पर चोट ऽरें।
गौरतलब है ऽि पिछले वर्ष रेल बजट में ममता बनर्जी ने ९० नई ट्रेनों ऽो शामिल ऽिया था। साथ ही ऽवेल ३५ नई रेल सेवाएं घोषित ऽरने ऽा एलान ऽिया था। फिर अचानऽ ऐनवक्त पर ७५ ऽे स्थान पर ८० नई रेलों ऽी घोषणा बजट में ऽर दी गई। इस तरह रहस्य आज भी बरऽरार है ऽि आखिर पांच ट्रेनें अंतिम समय में ऽिसऽे ऽहने पर घोषित हुई। इस तरह हमारे क्षेत्र ऽे जनप्रतिनिधि सोते रहे। आंदोलन ऽरते रहे फिर भी सुविधाएं ऽिसऽे खाते में गई। पता नहीं चल सऽा। जबऽि पिछले वर्ष ऽे बजट में भोपाल से सागर ट्रेन शामिल थी। जिसे आज भी नहीं चलाया गया। इस बात से स्पष्टड्ढ है ऽि आंदोलनों ऽे नाम पर ऽोरी वाहवाही लूटने में नेता लगे हैं।
मिल सकती हैं नई ट्रेन
पिछले वर्ष ऽे रेल बजट में ही जोधपुर हावड़ा ट्रेन ऽी घोषण ऽी गई थी। लेऽिन इसे भी नहीं चलाया गया है। प्रस्तावित ट्रेने सप्ताह में प्रति दिन चलाने ऽी मंशा रेलवेबोर्ड ऽी है। इस तरह यदि सागर ऽे आंदोलनऽारी इस ट्रेन ऽो बीना सागर ऽटनी रेल खंड से चलवाने में ऽामयाब हो सऽे।  तब यह सागरवासियों ऽे लिए बड़ी सौगात होगी। इसऽे अलावा इस ट्रेन ऽे चलवाने ऽे लिए एऽ विऽल्प और खुला है। वह यह  ऽि सप्ताह में तीन दिन बीना सागर-ऽटनी मार्ग से चलाई जा सऽती है। इस तरह इस रेलखंड पर राजस्थान पश्चिम बंगाल, महाराष्ट, छत्तीसगढ़ जैसे प्रांतों से संपर्ऽ हो जाएगा।
ज्यादा दूरी तय करेगी
 ऽोटा से गुना बीना, ऽटनी मार्ग से बिलासपुर ऽी दूरी ८८० ऽिलोमीटर है। जबऽि ऽोटा से नागदा, उज्जैन, भोपाल, नागपुर, रायपुर से बिलासपुर १२६० ऽिलोमीटर ऽा मार्ग है। इस प्रऽार ३८० ऽिलोमीटर ऽी ऽम दूरी सागर से होऽर चलाने में तय ऽरना पड़ेगी। लेऽिन रेलवे बोर्ड जोधपुर-हावड़ा ऽो जयपुर ऽोटा, नागदा, उज्जैन, भोपाल, इटारसी, नागपुर, रायपुर, बिलासपुर, राऊर ऽेला, टाटानगर, खडगपुर मार्ग से होऽर हावड़ा तऽ चलाएगा। जबऽि एऽ ट्रेन अमृतसर से होऽर भोपाल नागपुर मार्ग से माल्दा (पश्चिम बंगाल) तऽ जाएगी। इस प्रऽार भोपाल से होऽर हावड़ा ऽे लिए एऽ मार्ग से दो ट्रेनों ऽा ऽोई औचित्य समझ नहीं आता है। इन्हीं औचित्यहीन फैसलों ऽो हमारे जनप्रतिनिधियों और आंदोलनऽारियों ऽो देखना है। तभी हम रेल सुविधाएं पाने मेें ऽामयाब हो सऽेंगे।
बोर्ड का है दिवालियापन
इसी प्रऽार हावड़ा से सोमनाथ सप्ताह में चार दिन चलाना प्रस्तावित है। इसे भी हमारे जनप्रतिनिधि ऽटनी सागर बीना गुना होऽर चलवा सऽते हैं। इस तरह सोमनाथ जैसे तीर्थ ऽे लिए सागर वासियों ऽो बड़ी सुविधा मिल जाएगी। इसऽे अलावा विऽल्प यहां भी मौजूद है, सप्ताह में तीन दिन सागर से चलाया जा सऽता है। गौरतलब है ऽि हावड़ा से अहमदाबाद ऽे बाद बिलासपुर, रायपुर, नागपुर, भुसावल, सूरत, बड़ोदा मार्ग से प्रतिदिन ट्रेन पहले से ही चलती है। अहमदाबाद होते हुए पोरबंदर ऽे लिए भी सप्ताह में तीन दिन ट्रेन उपलब्ध है। साप्ताहिऽ ट्रेन रवि गुरू एक्सप्रेस भी इसी मार्ग से चल रही है। पुरी से गांधी धाम ऽे लिए साप्ताहिऽ ट्रेन यहीं से होऽर गुजरती है।  इसलिए नई ट्रेन ऽो भी इन्हीं मार्गों से चलाना रेलवे बोर्ड ऽा दिवालियापन दर्शाता है। यह बताना भी जरूरी है ऽि ट्रेन चाहे भोपाल, इटारसी ऽटनी होऽर चले अथवा भोपाल बीना सागर, ऽटनी होऽर चले दोनों ही मार्गों ऽी दूरी एऽ समान है। इसलिए यही समय है ऽि रेल सुविधाओं ऽो बढ़ाने ऽे लिए तर्ऽ संगत मांगें रखे और अपने हऽ ऽी नई रेलों ऽे लिए आवाज बुलंद ऽरें।
 संसद ने रखा गया प्रस्ताव
भाजपा छोटे राज्यों की पक्षधर
नहीं चाहिए पृथक बुंदेलखण्ड
सागर। मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेष विकास की ओर अग्रसर है इसलिए पृथक बुंदेलखण्ड राज्य की कोई आवष्यकता नहीं है।भारतीय जनता पार्टी छोटे राज्यों की पक्षधर है, परन्तु बुन्देलखंड की परिस्थितियां इस तरह की नहीं है कि अलग राज्य बनाया जाए। अतः मध्यप्रदेष भारतीय जनता पार्टी की यह प्रदेष कार्यसमिति अलग राज्य का विरोध करती है। केन्द्र सरकार से यह मांग करती है कि वह बुन्देलखण्ड के सम्पूर्ण विकास के लिए पर्याप्त सहायता दे।यह प्रस्ताव सांसद भूपेंद्र सिंह ने प्रदेष कार्यसमिति की बैठक में रखा। मध्यप्रदेष के बुंदेलखण्ड में 6 जिले आते हैं। जिनमें सागर, छतरपुर, दमोह, पन्ना, दतिया, टीकमगढ़ हैं। देष के जो सर्वाधिक पिछड़े हुए 150 जिले हैं, उनमें यह जिले प्रथम दस में शामिल हैं। देश में आजादी के 64 वर्षों में से लगभग 50 वर्षांे तक केन्द्र में एवं लगभग 40 वर्ष मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने राज किया है। बंुदेलखण्ड के पिछड़ेपन के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार कोई है तो वह कांग्रेस पार्टी है। वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के महासचिव राहुल गांधी एवं कांग्रेस के नेताओं के द्वारा बुन्देलखण्ड के पिछडे़पन की एवं यूपी और एमपी के बुंदेलखण्ड को मिलाकर अलग राज्य की बात की जा रही है। जो मध्यप्रदेष के बुंदेलखण्ड वासियों को स्वीकार नहीं है। बुंदेलखण्ड की जनता ने पूरे मध्यप्रदेष में भावात्मक एवं एकात्मक संबंधों को आत्मसात किया है। मध्यप्रदेष में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद प्रदेष के यषस्वी मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चौहान के द्वारा बुंदेलखण्ड के विकास के लिए विषेष प्रयास किए गए हैं। परिणाम स्वरूप मध्यप्रदेष के बुंदेलखण्ड में वर्ष 1990 से लगातार कांग्रेस की पराजय हो रही है। वर्तमान में 29 विधानसभा क्षेत्रों में से भारतीय जनता पार्टी के 19 एवं कांग्रेस के मात्र 7 विधायक हैं। बुंदेलखण्ड के पांच लोकसभा क्षेत्रों में पांचों सांसद भारतीय जनता पार्टी के हैं इसलिए बुंदेलखण्ड राज्य के नाम पर कांग्रेस के नेता राजनीति कर रहे हैं।प्रमुख रूप से सागर में बुंदेलखण्ड मेडीकल कॉलेज की स्थापना, बुंदेलखण्ड विकास प्राधिकरण, छतरपुर में स्टेट यूनीवर्सिटी, बीना में बीओआरएल की रिफायनरी तथा छतरपुर में एनटीपीसी का कारखाना स्थापना हेतु राज्य सरकार द्वारा निःषुल्क भूमि, जल उपलब्ध कराते हुए करों में छूट प्रदान करना, सागर विश्वविद्यालय जिसकी लागत लगभग 1 हजार करोड़ रूपए है उसे केन्द्रीय विष्वविद्यालय का दर्जा दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को सहमति प्रदान करना, केआरएन इनर्जी, रियो टिन्टो, जेपी थर्मल पॉवर प्लांट, बुंदेलखण्ड में 1706.58 करोड़ की लागत से सड़कों का निर्माण, जहां कांग्रेस शासन में बुंदेलखण्ड में सिंचाई का प्रतिषत मात्र 3 था, जो वर्तमान में 17 प्रतिषत हो गया है। मध्यप्रदेष सरकार के द्वारा बीना नदी परियोजना, पंचम नगर काम्प्लेक्स परियोजना, बान सुजारा बांध परियोजना, गणेषपुर पिकअप वियर परियोजना की स्वीकृति दी गई है। जिनसे लगभग 1,78,706 हेक्टेयर में सिंचाई प्रस्तावित है एवं अन्य 216 परियोजनाएं जिनकी लागत 4787.48 करोड़ है, जिनसे 2 लाख 67 हजार 689 हेक्टेयर में सिंचाई होगी।बुंदेलखण्ड देष के मध्य में है, जिसको कि हम रियल हार्ट आफ इंडिया भी कह सकते हैं। बंुदेलखण्ड में लगभग 26 प्रतिषत वनक्षेत्र है। मुख्य रूप से सागौन वन सम्पदा जो 30 से 40 प्रतिषत है। इसके अलावा तेंदू पत्ता लगभग 20 प्रतिषत, औषधीय प्रजाति 15 प्रतिषत है। वहीं नदियों में बेतवा, केन, सुनार, धसान, बेबस, बीना, व्यारमा जैसी नदियां हैं, वहीं पर बुंदेलखण्ड में खजुराहों, ओरछा, पन्ना में राष्ट्रीय उद्यान, दतिया में पीताम्बरा पीठ, छतरपुर में भीमकुण्ड और समूचे बुंदेलखण्ड में चंदेलों के ऐतिहासिक तालाब हैं।वहीं खनिज सम्पदा में विष्व प्रसिद्ध हीरा, तांबा, सीसा, वैराइटिस, अभ्रक, एस्बेस्टस, राक फास्फेट, ग्रेनाइट, चूना, अग्निरोधी मिट्टी, गेरू है। परंतु यह खनिज संपदा वन क्षेत्र में होने के कारण हम इनका दोहन नहीं कर पा रहे।कुछ लोगों के द्वारा अपने राजनैतिक मंसूबों के लिए अलग राज्य की मांग की जा रही है। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी भी पृथक बुंदेलखण्ड राज्य के गठन को हवा देते रहे हैं। जबकि बुंदेलखण्ड से जो वर्तमान में राजस्व संग्रह है, वह मध्यप्रदेष के कुल राजस्व का मात्र 3.3 प्रतिषत है। जबकि बुंदेलखण्ड पर 18 प्रतिषत से ज्यादा राषि खर्च होती है। वर्तमान में एक मेगावाट का भी विद्युत उत्पादन नहीं होता। उद्योगों की संख्या भी बहुत नगण्य है। औद्योगिक विकास नहीं होने से रोजगार के अवसर कम हैं। इस तरह बुंदेलखण्ड में विकास की दृष्टि से आवष्यक अपने कोई ऐसे संसाधन नहीं हैं जिनसे राजस्व प्राप्त हो। इसलिए अलग राज्य बनने से बुंदेलखण्ड में और पिछड़ापन आएगा एवं पूरी तरह से केन्द्र की सहायता पर हम निर्भर होंगे। देष में जो पूर्व में छोटे राज्य बने हैं, उनमें से अधिकांष आज पूरी तरह से केन्द्र की सहायता पर निर्भर हैं एवं अलग राज्य बनने से जो वित्तीय भार आता है, वह भी पूरी तरह जनता से ही करों के रूप में वसूला जाता है। अगर कांग्रेस पार्टी बुंदेलखण्ड का विकास चाहती है तो बुंदेलखण्ड में उद्योगों की स्थापना में विषेष पैकेज दे, सभी प्रकार के करों में छूट प्रदान करे, रेल लाइनों का विस्तार करे, राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण करे, सिंचाई एवं ग्रामीण सड़कों के लिए विषेष पैकेज दे, केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना (जिसे दोनों राज्यों की सहमति है) इसे भारत सरकार अनुमति प्रदान करे। मध्यप्रदेष के बुंदेलखण्ड क्षेत्र में केन्द्रीय कृषि विष्वविद्यालय की स्थापना की जाए। भारत सरकार के द्वारा जो बुंदेलखण्ड पैकेज दिया गया है, उसका बड़ा हिस्सा वास्तव में पहले से ही चल रही योजनाओं को जोड़कर बना दिया गया है। अतिरिक्त राषि बहुत कम दी गई है। जो अतिरिक्त सहायता है उसमें प्रति व्यक्ति के हिस्से में मात्र 6 रूपए आते हैं, जिससे व्यक्ति एक चाय ही पी सकता है। अगर कांग्रेस के नेता वास्तव में बुंदेलखण्ड का विकास चाहते हैं तो बुंदेलखण्ड अंचल में भारत सरकार की पूंजी का निवेश कराएं।बंुदेलखण्ड क्षेत्र में निवासरत प्रबुद्ध नागरिक, पत्रकारगण, साहित्यकार, प्रोफेसर, डॉक्टर, समाजसेवी सहित प्रत्येक वर्ग प्रथक बुंदेलखण्ड राज्य बनाए जाने के पक्ष में नहीं है। संभागीय मुख्यालय का सागर सहित अनेक स्थानों पर विचार गोष्ठी और सेमीनार हो चुके हैं। बुंदेलखण्ड मध्यप्रदेष अभिन्न अंग है। मध्यप्रदेष की विशिष्ट विरासत, लोक जीवन और साहित्य संस्कृति में बुदेलखण्ड पूरा सम्मिलित है। प्रदेष के अन्य इलाकों जैसा बुंदेलखण्ड के विकास के लिए मध्यप्रदेष षासन प्राथमिकता दे रहा है और देते रहेंगे।


 37.62 करोड की विद्युतीकरण योजना स्वीकृत
 सागर / राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के द्वितीय चरण में प्रदेश के 18 जिलों के लिये विद्युतीकरण कार्य की योजनाएँ स्वीकृत की गई हैं। इन पर 755.10 करोड़ की राशि खर्च की जायेगी। इस योजना में 63 अविद्युतीकृत ग्राम तथा 14 हजार 692 विद्युतीकृत ग्रामों के गरीबी रेखा से नीचे के 4 लाख 57 हजार 315 हितग्राहियों को शामिल किया गया है। छतरपुर में योजना के लिए 37.62 करोड की राशि स्वीकृत हुई है ।योजना में न केवल अविद्युतीकृत ग्रामों को सम्मिलित किया गया है । बल्कि नई परिाषा के अनुसार 14 हजार 692 विद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण घनत्व को ी बढ़ाया जा रहा है। इसमें छतरपुर तथा सतना जिले को ी शामिल किया गया है, जिनमें प्रथम चरण में योजना के कार्य पूर्ण नहीं हुए थे। इन दो जिलों के लिये अतिरिक्त योजना बनाई गई है।


 अन्त्योदय शिविर 12 को
सागर/ कलेक्टर सागर डा.ई.रमेश कुमार ने बताया कि जनपद पंचायत केसली में 11 जनवरी को होने वाले खण्ड स्तरीय अन्त्योदय मेले की तिथि बदली गई ह ैअब उक्त मेला 12 जनवरी 2012 को होगा । एस.डी.ओ. राजस्व अनुविभाग देवरी तथा सी.ई.ओ. जनपद पंचायत देवरी को संशोधित तिथिनुसार अन्त्योदय मेला आयोजित किए जाने के संबंध में निर्देश जारी किए गए है
 अधिकारी नियुक्त
सागर/ जिला आपूर्ति नियंत्रक सागर ने बताया कि लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के तहत जिला मुख्यालय के नगरीय क्षेत्र में नये बी.पी.एल. राशन कार्ड जारी किए जाने हेतु सहायक आपूर्ति अधिकारी सागर श्री आर.एस.मिश्रा को अधिकृत किया गया है ।

  8 हजार हितग्राही लाभांवित
 सागर/ राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप आम गरीब व्यक्तियों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिये जले में विकासखंड स्तर पर अन्त्योदय मेले आयोजित किये जा रहे है । इसी क्रम में आज बण्डा में खण्ड स्तरीय अन्त्योदय मेला संपन्न हुआ ।  जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में संपन्न में इस मेले में विभिन्न शासकीय योजनाओं के पात्र 7911 हितग्राहियों को 4 करोड 31 लाख 69 हजार 498 रूपये के लाभ उपलब्ध कराये गये । जिन्हें अतिथिजनों ने मंच से वितरित किया । शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय बण्डा परिसर में संपन्न इस अन्त्योदय मेले का शुभारंभ मध्यप्रदेश गान के साथ प्रारंभ हुआ । इसके पश्चात मेले में उपस्थित अतिथिजनो और नागरिकों ने बण्डा तहसीलदार आर.सी.दुबे के निधन पर उन्हें 2 मिनिट का मौन रखकर श्रृद्धांजलि दी । इसी दुखद घटना के परिप्रेक्ष्य में अतिथियों ने अपना सम्मान नही कराया । अन्त्योदय मेले में कलेक्टर डा.ई. रमेश कुमार, सी.ई.ओ. जिला पंचायत श्री आर.के.त्रिपाठी व विभिन्न शासकीय विभागों के अधिकारियों ने अपने विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी दी । मेले प्रांगण में विभिन्न विभागों ने अपने प्रदर्शनी स्टाल लगाकर जनसामान्य को विभागीय योजनाओं व जानकारी से अवगत कराया । मेले प्रागण में डी.पी.आई.पी. के माध्यम से रोजगार मेले का आयोजन किया गया ।


प्रभारी मंत्री  का भ्रमण 29 को
सागर/ प्रदेश के वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी 20 सूत्रीय क्रियान्वयन, वाणिज्यिक कर तथा सागर जिले के नव नियुक्त प्रभारी मंत्री  राघव जी 29 दिसंबर को सागर आएगे । वे यहां 11.30 बजे कलेक्ट्रेट सभाकक्ष सागर में आयोजित बैठक में समीक्षा करेंगे । कार्यालय प्रमुखों से विभागीय गतिविधियों की जानकारी प्रेषित कर नियत तिथि एवं समय पर बैठक में उपस्थित होने की अपील की गई है ।

 बैठक 2 जनवरी को
सागर  जिला स्तरीय सतर्कता एवं मूल्यांकन समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष सागर में 2 जनवरी को अपरान्ह 3 बजे से सांसद एव अध्यक्ष जिला सतर्कता एवं मूल्यांकन समिति की अध्यक्षता में आयोजित की गई है । बैठक में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की दिसंबर 2011 तक की समीक्षा की जाएगी। सर्व संबंधित से बैठक में उपस्थित होने की अपील की गई है । उक्त जानकारी जिला पंचायत सागर के सी.ई.ओ. ने दी ।

 समिति का भ्रमण 8 को
सागरमध्यप्रदेश विधानसभा प्राक्कलन समिति के पदाधिकारी एवं सदस्य प्रस्तावित भ्रमण कार्यक्रम के तहत सागर जिले में 8 जनवरी को आऐगे । समिति के सदस्य विभिन्न विभागो के वर्ष 2008-09 से 2010-11 के 5 लाख से अधिक लागत की योजनाओं के आय-व्यय के प्राक्कलनो का परीक्षण कर अध्ययन करेगी तथा संबंधित विभागीय अधिकारियों से 8 जनवरी को कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में प्रातः 11 बजे से चर्चा करेगी ।