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Thursday, September 19, 2013

शिक्षक दिवस



शिक्षा के क्षेत्र में उच्च मापदंड स्थापित किए श्री जोशी ने: भूपेन्द्र

संस्कृति की रक्षा का दायित्व निभायें शिक्षक: डॉ. जोशी


सागर। भारत की संस्कृति और परम्पराओं के प्राण बचाने का काम शिक्षकों के कंधों पर है। शिक्षकों का मूल दायित्व है कि वह कल्याणकारी संस्कृति को मुखरित करें। शिव रूपी भारत माता को शव न बनने दे । हमारी सांस्कृतिक  अवधारणा को दूर-दूर तक पहुंचाना और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करना शिक्षक का परम कर्तव्य  है। उक्त उदबोधन सांसद भूपेन्द्र सिंह द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में पधारे भाजपा के पूर्व अध्यक्ष पूर्व  केंद्रीय मंत्री एवं संसद की लोकलेखा समिति के अध्यक्ष डां मुरली मनोहर जोशी ने दीपाली होटल के सभागार में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि डां राधाकृष्णनन सांस्कृतिक मूल्यों के प्रखर व्याख्याता थे,इसीलिए उन्हें महर्षि वेद व्यास की गद्दी पर बैठाया और उनके जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में समर्पित किया। लेकिन हमें वेद व्यास को नहीं भूलना चाहिए क्योंकि वे हमारी संस्कृति की असली पहचान हैं। उन्होंने कहा कि बदलाव प्रकृति का नियम है लेकिन हम अपनी मूल धारा से जुड़े रहकर परिवर्तन करें। पशु से मनुष्य बने मनुष्य से पशु नहीं। शिक्षकों का दायित्व है कि वे अपनी परम्पराओं को अगली पीढ़ी को सौंपे। उन्होंने शरद चंद चटोपाध्याय का उल्लेख करते हुए बताया कि जब उन्होंने बंगला की जगह अग्रेजी में उपन्यास लिखा तब कहीं जाकर उन्हें नोबल पुरूस्कार मिला। आज हमारे देश की पीढ़ी स्वंय अपनी भाषा से नहीं जुडऩा चाह रही है यह चिंता का विषय है। श्री जोशी ने कहा कि शिक्षक दिवस का यह कार्यक्रम भारतीय परंपरा और मूल तत्व की पहचान का कार्यक्रम है। सांसद भूपेन्द्र सिंह इसके लिए बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि मुझे जो सम्मान सागर में आज मिला वैसा कभी नहीं मिला, में यह सम्मान सागर के शिक्षकों को समर्पित करता हूं। सांसद भूपेन्द्र सिंह ने मुख्य अतिथि डॉ. मुरली मनोहर जोशी के चरण पूजन कर कार्यक्रम की शुरूआत की। स्वागत भाषण देते हुए सांसद भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि शिक्षक दिवस सम्मान समारोह की सार्थकता श्री जोशी जी के आने से ही सिद्ध हो गई है। मैं अपने जीवन को धन्य मानता हूं कि श्री जोशी के पाद पूजन करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि हमें गौरव है कि उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री के रूप में उच्च मापदंड स्थापित किए। संसद की लोकलेखा समिति के चैयरमेन रहते हुए उन्होंने कांग्रेसियों द्वारा किए गए घोटालों को सामने लाया। उन्होंने कहा कि श्री जोशी जी का चिंतन सराहनीय और अभूपतपूर्व है । उन्होंने कहा कि अगले वर्ष सागर संसदीय क्षेत्र में २५ हजार शिक्षकों को सम्मानित करने का कार्य श्री जोशी जी की उपस्थिति में करेंगे।
श्री जोशी ने सांकेतिक रूप से राष्ट्रपति पुरूस्कार प्राप्त ११ शिक्षकों को साल श्रीफल देकर सम्मानित किया। जिनमें प्रमुख रूप से गोविंद प्रसाद तिवारी, मनमोहन दुबे, टीकाराम त्रिपाठी, देशराज सिंह ठाकुर, श्रीमती कमला नायक, महेन्द्र शर्मा, कमलचंद जैन, गोकुलप्रसाद सूर्यवंशी, लक्षमण प्रसाद सोनी, शीतलचंद जैन, मुरलीधर शांडिल्य शामिल हैं। सांसद श्री सिंह ने उपस्थित शिक्षक-शिक्षिकाओं पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। तत्पश्चात शिक्षक-शिक्षिकाओं को शाल-श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन जिला उपाध्यक्ष डां सुखदेव मिश्र ने एव जिलाध्यक्ष जाहर सिंह आभार व्यक्ति किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संगठन मंत्री दिनेश शर्मा, विधायक शैलेन्द्र जैन, श्रीमती सरोज सिंह, संजीव दुबे, शैलेन्द्र ठाकुर, अनुराग प्यासी, विजय गर्ग, विकास वेलापुरकर, सहित अन्य भाजपा नेता उपस्थित थे।

ढाई हजार किसानों का रोज पलायन


सागर। केंद्र की कांग्रेस सरकार पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबी है। कोई जगह नहीं है जहां भ्रष्टाचार नहीं हुआ हो।पचास प्रतिशत आबादी कृषि  पर निर्भर है,ऐसे में ढाई हजार किसानों का रोज पलायन करना खतरे की घंटी है। वैकल्पिक रोजगार बढ़ाने की जरूरत पर उन्होने ज़ोर दिया।  साथ ही प्राकृतिक संसाधनों की लूट मची है। जबकि इन पर आम आदमी का हक होना चाहिए, लेकिन बड़े और व्यापारिक घरानों को लाभ पहूँचाया जा रहा है। ये आरोप पूर्व मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने लगाए। वे सागर में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। गौरतलब है कि डॉ जोशी सांसद भूपेंद्र सिंह द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में शामिल होने सागर पधारे थे। उनकी व्यक्तिगत राय नरेंद्र मोदी के पक्ष में है। इसके अलावा उन्होने कहा कि शुक्रवार कि रात आयोजित होने वाली संसदीय समिति कि बैठक में भी इस मामले को रखा गया है। इसलिए पार्टी कि राय पर सभी सहमत होगे। वे केनरा सरकार की आर्थिक और कृषि नीति से चिंतित हैं। वैसे म प्र में कृषि की तरक्की पर प्रसन्नता जाहिर की। वे चाहते है कि आर्थिक नीति पर बहस हो,  साथ हि कहा कि जब तक पाकिस्तान गारंटी नहीं दे कि आतंकवादी अथवा  भारत विरोधी कारवाई नहीं करेगा तब तक  प्रधान मंत्री डॉ ननमोहन सिंह पाक पी एम से नहीं मिलेगे। 

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