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Tuesday, December 27, 2011

वाहवाही लूटने में लगे हैं नेता
मनोज शुक्ला

सागर । रेल सुविधाओं ऽो देने में रेल मंत्रालय सागर मार्ग ऽी हमेशा उपेक्षा ऽरता है। यही नहीं क्षेत्रीय ऽार्यालयों में बैठे अधिऽारी भी नई रेलों ऽी घोषणा होने तऽ चुपचाप बैठे रहते हैं। फलस्वरूप नई सौगातों से बीना-सागर-ऽटनी रेल खंड उपेक्षा ऽा शिऽार बना है। यही नहीं जनप्रतिनिधि भी रेल बजट तैयारियों ऽे साथ सऽ्रिय नहीं रहते हैं। जिससे सुविधाएं ऽहीं और ऽा रूख ऽर लेती हैं। यदि सागर ऽो भरपूर रेल सुविधाएं दिलाने ऽी मंशा जनप्रतिनिधि रखते हैं। तब यही समय है ऽि वे सुविधाएं पाने रेल मंत्रालय पर चोट ऽरें।
गौरतलब है ऽि पिछले वर्ष रेल बजट में ममता बनर्जी ने ९० नई ट्रेनों ऽो शामिल ऽिया था। साथ ही ऽवेल ३५ नई रेल सेवाएं घोषित ऽरने ऽा एलान ऽिया था। फिर अचानऽ ऐनवक्त पर ७५ ऽे स्थान पर ८० नई रेलों ऽी घोषणा बजट में ऽर दी गई। इस तरह रहस्य आज भी बरऽरार है ऽि आखिर पांच ट्रेनें अंतिम समय में ऽिसऽे ऽहने पर घोषित हुई। इस तरह हमारे क्षेत्र ऽे जनप्रतिनिधि सोते रहे। आंदोलन ऽरते रहे फिर भी सुविधाएं ऽिसऽे खाते में गई। पता नहीं चल सऽा। जबऽि पिछले वर्ष ऽे बजट में भोपाल से सागर ट्रेन शामिल थी। जिसे आज भी नहीं चलाया गया। इस बात से स्पष्टड्ढ है ऽि आंदोलनों ऽे नाम पर ऽोरी वाहवाही लूटने में नेता लगे हैं।
मिल सकती हैं नई ट्रेन
पिछले वर्ष ऽे रेल बजट में ही जोधपुर हावड़ा ट्रेन ऽी घोषण ऽी गई थी। लेऽिन इसे भी नहीं चलाया गया है। प्रस्तावित ट्रेने सप्ताह में प्रति दिन चलाने ऽी मंशा रेलवेबोर्ड ऽी है। इस तरह यदि सागर ऽे आंदोलनऽारी इस ट्रेन ऽो बीना सागर ऽटनी रेल खंड से चलवाने में ऽामयाब हो सऽे।  तब यह सागरवासियों ऽे लिए बड़ी सौगात होगी। इसऽे अलावा इस ट्रेन ऽे चलवाने ऽे लिए एऽ विऽल्प और खुला है। वह यह  ऽि सप्ताह में तीन दिन बीना सागर-ऽटनी मार्ग से चलाई जा सऽती है। इस तरह इस रेलखंड पर राजस्थान पश्चिम बंगाल, महाराष्ट, छत्तीसगढ़ जैसे प्रांतों से संपर्ऽ हो जाएगा।
ज्यादा दूरी तय करेगी
 ऽोटा से गुना बीना, ऽटनी मार्ग से बिलासपुर ऽी दूरी ८८० ऽिलोमीटर है। जबऽि ऽोटा से नागदा, उज्जैन, भोपाल, नागपुर, रायपुर से बिलासपुर १२६० ऽिलोमीटर ऽा मार्ग है। इस प्रऽार ३८० ऽिलोमीटर ऽी ऽम दूरी सागर से होऽर चलाने में तय ऽरना पड़ेगी। लेऽिन रेलवे बोर्ड जोधपुर-हावड़ा ऽो जयपुर ऽोटा, नागदा, उज्जैन, भोपाल, इटारसी, नागपुर, रायपुर, बिलासपुर, राऊर ऽेला, टाटानगर, खडगपुर मार्ग से होऽर हावड़ा तऽ चलाएगा। जबऽि एऽ ट्रेन अमृतसर से होऽर भोपाल नागपुर मार्ग से माल्दा (पश्चिम बंगाल) तऽ जाएगी। इस प्रऽार भोपाल से होऽर हावड़ा ऽे लिए एऽ मार्ग से दो ट्रेनों ऽा ऽोई औचित्य समझ नहीं आता है। इन्हीं औचित्यहीन फैसलों ऽो हमारे जनप्रतिनिधियों और आंदोलनऽारियों ऽो देखना है। तभी हम रेल सुविधाएं पाने मेें ऽामयाब हो सऽेंगे।
बोर्ड का है दिवालियापन
इसी प्रऽार हावड़ा से सोमनाथ सप्ताह में चार दिन चलाना प्रस्तावित है। इसे भी हमारे जनप्रतिनिधि ऽटनी सागर बीना गुना होऽर चलवा सऽते हैं। इस तरह सोमनाथ जैसे तीर्थ ऽे लिए सागर वासियों ऽो बड़ी सुविधा मिल जाएगी। इसऽे अलावा विऽल्प यहां भी मौजूद है, सप्ताह में तीन दिन सागर से चलाया जा सऽता है। गौरतलब है ऽि हावड़ा से अहमदाबाद ऽे बाद बिलासपुर, रायपुर, नागपुर, भुसावल, सूरत, बड़ोदा मार्ग से प्रतिदिन ट्रेन पहले से ही चलती है। अहमदाबाद होते हुए पोरबंदर ऽे लिए भी सप्ताह में तीन दिन ट्रेन उपलब्ध है। साप्ताहिऽ ट्रेन रवि गुरू एक्सप्रेस भी इसी मार्ग से चल रही है। पुरी से गांधी धाम ऽे लिए साप्ताहिऽ ट्रेन यहीं से होऽर गुजरती है।  इसलिए नई ट्रेन ऽो भी इन्हीं मार्गों से चलाना रेलवे बोर्ड ऽा दिवालियापन दर्शाता है। यह बताना भी जरूरी है ऽि ट्रेन चाहे भोपाल, इटारसी ऽटनी होऽर चले अथवा भोपाल बीना सागर, ऽटनी होऽर चले दोनों ही मार्गों ऽी दूरी एऽ समान है। इसलिए यही समय है ऽि रेल सुविधाओं ऽो बढ़ाने ऽे लिए तर्ऽ संगत मांगें रखे और अपने हऽ ऽी नई रेलों ऽे लिए आवाज बुलंद ऽरें।
 संसद ने रखा गया प्रस्ताव
भाजपा छोटे राज्यों की पक्षधर
नहीं चाहिए पृथक बुंदेलखण्ड
सागर। मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेष विकास की ओर अग्रसर है इसलिए पृथक बुंदेलखण्ड राज्य की कोई आवष्यकता नहीं है।भारतीय जनता पार्टी छोटे राज्यों की पक्षधर है, परन्तु बुन्देलखंड की परिस्थितियां इस तरह की नहीं है कि अलग राज्य बनाया जाए। अतः मध्यप्रदेष भारतीय जनता पार्टी की यह प्रदेष कार्यसमिति अलग राज्य का विरोध करती है। केन्द्र सरकार से यह मांग करती है कि वह बुन्देलखण्ड के सम्पूर्ण विकास के लिए पर्याप्त सहायता दे।यह प्रस्ताव सांसद भूपेंद्र सिंह ने प्रदेष कार्यसमिति की बैठक में रखा। मध्यप्रदेष के बुंदेलखण्ड में 6 जिले आते हैं। जिनमें सागर, छतरपुर, दमोह, पन्ना, दतिया, टीकमगढ़ हैं। देष के जो सर्वाधिक पिछड़े हुए 150 जिले हैं, उनमें यह जिले प्रथम दस में शामिल हैं। देश में आजादी के 64 वर्षों में से लगभग 50 वर्षांे तक केन्द्र में एवं लगभग 40 वर्ष मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने राज किया है। बंुदेलखण्ड के पिछड़ेपन के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार कोई है तो वह कांग्रेस पार्टी है। वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के महासचिव राहुल गांधी एवं कांग्रेस के नेताओं के द्वारा बुन्देलखण्ड के पिछडे़पन की एवं यूपी और एमपी के बुंदेलखण्ड को मिलाकर अलग राज्य की बात की जा रही है। जो मध्यप्रदेष के बुंदेलखण्ड वासियों को स्वीकार नहीं है। बुंदेलखण्ड की जनता ने पूरे मध्यप्रदेष में भावात्मक एवं एकात्मक संबंधों को आत्मसात किया है। मध्यप्रदेष में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद प्रदेष के यषस्वी मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चौहान के द्वारा बुंदेलखण्ड के विकास के लिए विषेष प्रयास किए गए हैं। परिणाम स्वरूप मध्यप्रदेष के बुंदेलखण्ड में वर्ष 1990 से लगातार कांग्रेस की पराजय हो रही है। वर्तमान में 29 विधानसभा क्षेत्रों में से भारतीय जनता पार्टी के 19 एवं कांग्रेस के मात्र 7 विधायक हैं। बुंदेलखण्ड के पांच लोकसभा क्षेत्रों में पांचों सांसद भारतीय जनता पार्टी के हैं इसलिए बुंदेलखण्ड राज्य के नाम पर कांग्रेस के नेता राजनीति कर रहे हैं।प्रमुख रूप से सागर में बुंदेलखण्ड मेडीकल कॉलेज की स्थापना, बुंदेलखण्ड विकास प्राधिकरण, छतरपुर में स्टेट यूनीवर्सिटी, बीना में बीओआरएल की रिफायनरी तथा छतरपुर में एनटीपीसी का कारखाना स्थापना हेतु राज्य सरकार द्वारा निःषुल्क भूमि, जल उपलब्ध कराते हुए करों में छूट प्रदान करना, सागर विश्वविद्यालय जिसकी लागत लगभग 1 हजार करोड़ रूपए है उसे केन्द्रीय विष्वविद्यालय का दर्जा दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को सहमति प्रदान करना, केआरएन इनर्जी, रियो टिन्टो, जेपी थर्मल पॉवर प्लांट, बुंदेलखण्ड में 1706.58 करोड़ की लागत से सड़कों का निर्माण, जहां कांग्रेस शासन में बुंदेलखण्ड में सिंचाई का प्रतिषत मात्र 3 था, जो वर्तमान में 17 प्रतिषत हो गया है। मध्यप्रदेष सरकार के द्वारा बीना नदी परियोजना, पंचम नगर काम्प्लेक्स परियोजना, बान सुजारा बांध परियोजना, गणेषपुर पिकअप वियर परियोजना की स्वीकृति दी गई है। जिनसे लगभग 1,78,706 हेक्टेयर में सिंचाई प्रस्तावित है एवं अन्य 216 परियोजनाएं जिनकी लागत 4787.48 करोड़ है, जिनसे 2 लाख 67 हजार 689 हेक्टेयर में सिंचाई होगी।बुंदेलखण्ड देष के मध्य में है, जिसको कि हम रियल हार्ट आफ इंडिया भी कह सकते हैं। बंुदेलखण्ड में लगभग 26 प्रतिषत वनक्षेत्र है। मुख्य रूप से सागौन वन सम्पदा जो 30 से 40 प्रतिषत है। इसके अलावा तेंदू पत्ता लगभग 20 प्रतिषत, औषधीय प्रजाति 15 प्रतिषत है। वहीं नदियों में बेतवा, केन, सुनार, धसान, बेबस, बीना, व्यारमा जैसी नदियां हैं, वहीं पर बुंदेलखण्ड में खजुराहों, ओरछा, पन्ना में राष्ट्रीय उद्यान, दतिया में पीताम्बरा पीठ, छतरपुर में भीमकुण्ड और समूचे बुंदेलखण्ड में चंदेलों के ऐतिहासिक तालाब हैं।वहीं खनिज सम्पदा में विष्व प्रसिद्ध हीरा, तांबा, सीसा, वैराइटिस, अभ्रक, एस्बेस्टस, राक फास्फेट, ग्रेनाइट, चूना, अग्निरोधी मिट्टी, गेरू है। परंतु यह खनिज संपदा वन क्षेत्र में होने के कारण हम इनका दोहन नहीं कर पा रहे।कुछ लोगों के द्वारा अपने राजनैतिक मंसूबों के लिए अलग राज्य की मांग की जा रही है। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी भी पृथक बुंदेलखण्ड राज्य के गठन को हवा देते रहे हैं। जबकि बुंदेलखण्ड से जो वर्तमान में राजस्व संग्रह है, वह मध्यप्रदेष के कुल राजस्व का मात्र 3.3 प्रतिषत है। जबकि बुंदेलखण्ड पर 18 प्रतिषत से ज्यादा राषि खर्च होती है। वर्तमान में एक मेगावाट का भी विद्युत उत्पादन नहीं होता। उद्योगों की संख्या भी बहुत नगण्य है। औद्योगिक विकास नहीं होने से रोजगार के अवसर कम हैं। इस तरह बुंदेलखण्ड में विकास की दृष्टि से आवष्यक अपने कोई ऐसे संसाधन नहीं हैं जिनसे राजस्व प्राप्त हो। इसलिए अलग राज्य बनने से बुंदेलखण्ड में और पिछड़ापन आएगा एवं पूरी तरह से केन्द्र की सहायता पर हम निर्भर होंगे। देष में जो पूर्व में छोटे राज्य बने हैं, उनमें से अधिकांष आज पूरी तरह से केन्द्र की सहायता पर निर्भर हैं एवं अलग राज्य बनने से जो वित्तीय भार आता है, वह भी पूरी तरह जनता से ही करों के रूप में वसूला जाता है। अगर कांग्रेस पार्टी बुंदेलखण्ड का विकास चाहती है तो बुंदेलखण्ड में उद्योगों की स्थापना में विषेष पैकेज दे, सभी प्रकार के करों में छूट प्रदान करे, रेल लाइनों का विस्तार करे, राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण करे, सिंचाई एवं ग्रामीण सड़कों के लिए विषेष पैकेज दे, केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना (जिसे दोनों राज्यों की सहमति है) इसे भारत सरकार अनुमति प्रदान करे। मध्यप्रदेष के बुंदेलखण्ड क्षेत्र में केन्द्रीय कृषि विष्वविद्यालय की स्थापना की जाए। भारत सरकार के द्वारा जो बुंदेलखण्ड पैकेज दिया गया है, उसका बड़ा हिस्सा वास्तव में पहले से ही चल रही योजनाओं को जोड़कर बना दिया गया है। अतिरिक्त राषि बहुत कम दी गई है। जो अतिरिक्त सहायता है उसमें प्रति व्यक्ति के हिस्से में मात्र 6 रूपए आते हैं, जिससे व्यक्ति एक चाय ही पी सकता है। अगर कांग्रेस के नेता वास्तव में बुंदेलखण्ड का विकास चाहते हैं तो बुंदेलखण्ड अंचल में भारत सरकार की पूंजी का निवेश कराएं।बंुदेलखण्ड क्षेत्र में निवासरत प्रबुद्ध नागरिक, पत्रकारगण, साहित्यकार, प्रोफेसर, डॉक्टर, समाजसेवी सहित प्रत्येक वर्ग प्रथक बुंदेलखण्ड राज्य बनाए जाने के पक्ष में नहीं है। संभागीय मुख्यालय का सागर सहित अनेक स्थानों पर विचार गोष्ठी और सेमीनार हो चुके हैं। बुंदेलखण्ड मध्यप्रदेष अभिन्न अंग है। मध्यप्रदेष की विशिष्ट विरासत, लोक जीवन और साहित्य संस्कृति में बुदेलखण्ड पूरा सम्मिलित है। प्रदेष के अन्य इलाकों जैसा बुंदेलखण्ड के विकास के लिए मध्यप्रदेष षासन प्राथमिकता दे रहा है और देते रहेंगे।


 37.62 करोड की विद्युतीकरण योजना स्वीकृत
 सागर / राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के द्वितीय चरण में प्रदेश के 18 जिलों के लिये विद्युतीकरण कार्य की योजनाएँ स्वीकृत की गई हैं। इन पर 755.10 करोड़ की राशि खर्च की जायेगी। इस योजना में 63 अविद्युतीकृत ग्राम तथा 14 हजार 692 विद्युतीकृत ग्रामों के गरीबी रेखा से नीचे के 4 लाख 57 हजार 315 हितग्राहियों को शामिल किया गया है। छतरपुर में योजना के लिए 37.62 करोड की राशि स्वीकृत हुई है ।योजना में न केवल अविद्युतीकृत ग्रामों को सम्मिलित किया गया है । बल्कि नई परिाषा के अनुसार 14 हजार 692 विद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण घनत्व को ी बढ़ाया जा रहा है। इसमें छतरपुर तथा सतना जिले को ी शामिल किया गया है, जिनमें प्रथम चरण में योजना के कार्य पूर्ण नहीं हुए थे। इन दो जिलों के लिये अतिरिक्त योजना बनाई गई है।


 अन्त्योदय शिविर 12 को
सागर/ कलेक्टर सागर डा.ई.रमेश कुमार ने बताया कि जनपद पंचायत केसली में 11 जनवरी को होने वाले खण्ड स्तरीय अन्त्योदय मेले की तिथि बदली गई ह ैअब उक्त मेला 12 जनवरी 2012 को होगा । एस.डी.ओ. राजस्व अनुविभाग देवरी तथा सी.ई.ओ. जनपद पंचायत देवरी को संशोधित तिथिनुसार अन्त्योदय मेला आयोजित किए जाने के संबंध में निर्देश जारी किए गए है
 अधिकारी नियुक्त
सागर/ जिला आपूर्ति नियंत्रक सागर ने बताया कि लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के तहत जिला मुख्यालय के नगरीय क्षेत्र में नये बी.पी.एल. राशन कार्ड जारी किए जाने हेतु सहायक आपूर्ति अधिकारी सागर श्री आर.एस.मिश्रा को अधिकृत किया गया है ।

  8 हजार हितग्राही लाभांवित
 सागर/ राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप आम गरीब व्यक्तियों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिये जले में विकासखंड स्तर पर अन्त्योदय मेले आयोजित किये जा रहे है । इसी क्रम में आज बण्डा में खण्ड स्तरीय अन्त्योदय मेला संपन्न हुआ ।  जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में संपन्न में इस मेले में विभिन्न शासकीय योजनाओं के पात्र 7911 हितग्राहियों को 4 करोड 31 लाख 69 हजार 498 रूपये के लाभ उपलब्ध कराये गये । जिन्हें अतिथिजनों ने मंच से वितरित किया । शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय बण्डा परिसर में संपन्न इस अन्त्योदय मेले का शुभारंभ मध्यप्रदेश गान के साथ प्रारंभ हुआ । इसके पश्चात मेले में उपस्थित अतिथिजनो और नागरिकों ने बण्डा तहसीलदार आर.सी.दुबे के निधन पर उन्हें 2 मिनिट का मौन रखकर श्रृद्धांजलि दी । इसी दुखद घटना के परिप्रेक्ष्य में अतिथियों ने अपना सम्मान नही कराया । अन्त्योदय मेले में कलेक्टर डा.ई. रमेश कुमार, सी.ई.ओ. जिला पंचायत श्री आर.के.त्रिपाठी व विभिन्न शासकीय विभागों के अधिकारियों ने अपने विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी दी । मेले प्रांगण में विभिन्न विभागों ने अपने प्रदर्शनी स्टाल लगाकर जनसामान्य को विभागीय योजनाओं व जानकारी से अवगत कराया । मेले प्रागण में डी.पी.आई.पी. के माध्यम से रोजगार मेले का आयोजन किया गया ।


प्रभारी मंत्री  का भ्रमण 29 को
सागर/ प्रदेश के वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी 20 सूत्रीय क्रियान्वयन, वाणिज्यिक कर तथा सागर जिले के नव नियुक्त प्रभारी मंत्री  राघव जी 29 दिसंबर को सागर आएगे । वे यहां 11.30 बजे कलेक्ट्रेट सभाकक्ष सागर में आयोजित बैठक में समीक्षा करेंगे । कार्यालय प्रमुखों से विभागीय गतिविधियों की जानकारी प्रेषित कर नियत तिथि एवं समय पर बैठक में उपस्थित होने की अपील की गई है ।

 बैठक 2 जनवरी को
सागर  जिला स्तरीय सतर्कता एवं मूल्यांकन समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष सागर में 2 जनवरी को अपरान्ह 3 बजे से सांसद एव अध्यक्ष जिला सतर्कता एवं मूल्यांकन समिति की अध्यक्षता में आयोजित की गई है । बैठक में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की दिसंबर 2011 तक की समीक्षा की जाएगी। सर्व संबंधित से बैठक में उपस्थित होने की अपील की गई है । उक्त जानकारी जिला पंचायत सागर के सी.ई.ओ. ने दी ।

 समिति का भ्रमण 8 को
सागरमध्यप्रदेश विधानसभा प्राक्कलन समिति के पदाधिकारी एवं सदस्य प्रस्तावित भ्रमण कार्यक्रम के तहत सागर जिले में 8 जनवरी को आऐगे । समिति के सदस्य विभिन्न विभागो के वर्ष 2008-09 से 2010-11 के 5 लाख से अधिक लागत की योजनाओं के आय-व्यय के प्राक्कलनो का परीक्षण कर अध्ययन करेगी तथा संबंधित विभागीय अधिकारियों से 8 जनवरी को कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में प्रातः 11 बजे से चर्चा करेगी ।

Wednesday, December 14, 2011




लाखों में बदलने का गोरखधंधा
कम्प्यूटर लैपटॉप, मोबाइल ग्राहकों को लूटने का कारोबार दिन दूना रात चौगुना फैल रहा है। एक मोटे-मोटे अनुमान के मुताबिक ५० से लेकर ७५ लाख की राशि के खेल में कर चोरी का खेल चल रहा है। नकली विंडो और साफ्टवेयरों की ब्रिकी से भी ११ हजार की विंडो के नकली संस्करणों से ११ लाख में बदलने का गोरखधंधा चल रहा है। जिसे रोकने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है।
                         मनोज शुक्ला                
सागर। शहर में लंबे अर्से से नकली साफ्टवेयर का कारोबार फल फूल रहा है। हालांकि कुछेक अवसरों पर एकाध कम्प्यूटर अथवा सीडी विक्रेताओं के यहां कार्रवाई की गई है। जो अपर्याप्त है क्योंकि कम्प्यूटर विक्रेता इस माध्यम से प्रतिमाह लाखों कमा रहे हैं। साथ ही खरीददार हर रोज इन दुकानदारों के चक्कर काटता रहता है। उसके कम्प्यूटर में लोड साफ्वेयर लायसेंसी नहीं होते हैं। फलस्वरूप कभी विंडो करप्ट तो कभी साफ्वेयर काम रोक देता है। ऐसे में दुकानदार ग्राहक को ही गलत हैंडलिंग का आरोप लगाकर फार्मेट कराने की सलाह देकर फिर ठग लेता है। इस प्रकार औसतन हर दूसरा कम्प्यूटर उपभोक्ता दुकानदारों से पीड़ित है। इसी प्रकार मोबाइल इंटरनेट के चलन के बाद लगभग सभी कंपनियां उपभोक्ताओं को इस सेवा के बदले में ठग रही हैं। मार्केट में इंटरनेट का मजा लेने नेट सेटर मिल रहे हैं। जो कमियों से भरे हैं। फिर भी ग्राहकों की जरूरत को ध्यान में रखे बगैर ये उपकरण पकड़ा देता है। जिससे ग्राहक की रकम व्यर्थ हो जाती है। यही नहीं परकोटा का एक दुकानदार तो माइक्रोमेक्स के नेट सेटर के स्पेसीफिकेशन को भी मानने तैयार नहीं है। कंपनी ने इस प्रोडक्ट में दावा किया है कि नेट सेटर विंडो ७ सपोर्ट नहीं करता है।
फिर भी वह ग्राहक को राहत नहीं दे रहा है। इसके अलावा नेट चलाने जीपीआरएस पैक मार्केट में उपलब्ध है। ग्राहक इन्हें अपने मोबाइल में रिचार्ज  करवा लेता है। लेकिन कंपनी जीपीआरएस सेटिंग नहीं भेजती है। फलस्वरूप इस सेवा का फायदा नहीं मिलता है। रकम बेकार चली जाती है। यदि सेवा से नेट कनेक्ट हो गया तो मोबाइलधारी के टॉकटाइम में से राशि काट ली जाती है। जबकि उसने जीपीआरएस पैक एक्टीवेट कराए रखा होता है।
परकोटा क्षेत्र में ही कम्प्यूटर बेचने वालों की करीब ५ से अधिक दुकानें है जहां पर ग्राहकों को खुले आम लूटा जा रहा है। इन दुकानों पर ब्रांडेेड कंप्यूटर, लैपटाप के साथ नकली साफ्वेयर और विंडो लोड की जा रही है। जबकि ब्रांडेड आइटमों के साथ प्रीलोडेड विंडो और साफ्टवेयर आते हैं। जिन्हें ये दुकानदार निकालकर एक तरफ कर चोरी करने में लगे हैं।
दूसरी ओर एक लायसेंस पर अनेक ग्राहकों को ठग रहे हैं। यही नहीं इन आइटमों के बाद भी कंपनी की निर्धारित दरों पर खरीदादरों को सामग्री बेचते हैं। इन दिनों विंडो ७ की डिमांड है। एचसीएल, डेल सहित अन्य ब्रांडों  में प्रीलोडेड विंडों आ रही है।  लेकिन एचसीएल के डीलर विंडो अल्टीमेट कीमत करीब ११ हजार के कई गुना बनाने में लगे हैं। फलस्वरूप लैपटाप, कम्प्यूटर खरीददार कुछ समय में ही विंडो जिनाइन नहीं है के संदेश से पीड़ित होने लगता है। करीब ३०  हजार से अधिक की राशि ब्रांडेड लैपटाप कंप्यूटर जो आई-३ अथवा और अधिक श्रेणी के हैं। उनमें नकली साफ्टवेयर लगाने का गोरखधंधा कर रहे हैें। जिससे प्रति लैपटाप दुकानदार करीब १५ से २० हजार का फायदा ले रहा है। जबकि ग्राहक को ३५ हजार के आस-पास बेचता है। पूरे शहर में अनुमान है कि प्रतिदिन ५०० से ६०० कम्प्यूटर लैपटाप की ब्रिकी होती है। ऐसे में ७५ लाख से अधिक राशि के हेरफेर में कर चोरी का खेल चल रहा है। ग्राहकों को फर्जी बिल थमायें जाते हैं। फिर उनमें सुधार करके वेट आदि जैसे करों का भुगतान करने लेखे तैयार कराए जाते हैं।
माइक्रोसाफ्ट जैसी कंपनी की विंडो सर्वाधिक प्रचलन में है। वर्तमान में ई-गवर्नेस और स्कूल कॉलेजों सहित घरों-घरों में कम्प्यूटर अनिवार्य अंग बन गए हैं। लेकिन निर्माता कंपनियां आने उत्पादों की चोरी रोकने में नाकाम हैं। जबकि वे अपने हैडक्वाटर में बैठे-बैठे ही अपने उत्पादों के चोरों को ट्रेस कर सकती है। लेकिन ये कंपनियां फिर भी कुछ नहीं करती है। इसके पीछे का रहस्य समझ से परे हैं। जिला प्रशासन के पास कॉपीराइट एक्ट के तहत कार्रवाई के प्रावधान है। साइबर क्राइम पुलिस के हाथ में है। लेकिन ग्राहक पूरे पैसे देकर भी ठगा जा रहा है, परेशान हो रहा है। आखिर यह कैसा सिस्टम है कि कर चोरों ठगों और ग्राहकों को लूटने वालों पर कोई भी छापामार कार्रवाई नहीं होती है। इन्हें सभी तरफ से संरक्षण प्राप्त है।
 इनका कहना है
एडीशनल एसपी डीआर तेनीवार ने नकली उत्पादों, साफ्टवेयर पर कार्रवाई करने को अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया। साथ ही इस मामले में वे कुछ ज्यादा बताने से बचते रहे। इसी प्रकार सीएसपी रक्षपाल यादव ने भी मामले पर टालने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि हम लोग तो पुराने जमाने के हैं।  कम्प्यूटर बगैरह जानते नहीं है किसी नए जानकार से पूछना चाहिए। वैसे अभी वे छूट्टड्ढी पर है। कह कर स्पष्टड्ढ राय देने से इंकार कर दिया।
जनसुनवाई में 37 समस्यायें सुनी

सागर। कलेक्टर डा.ई.रमेष कुमार ने कलेक्टर कक्ष में 37 आवेदकों की समस्यायें सुनी और उन्हें निपटाने के लिये संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।जनसुनवाई में रामपुरा वार्ड सागर निवासी  अजय कुमार जैन ने आवेदन प्रस्तुत किया कि वे 6 जून 2006 को मोटर साईकिल चलाते हुए बण्डा जा रहे थे और बीच में खडे टैक्टर से टकराकर घायल हो गये थे। वे अस्पताल में भर्ती भी रहे किन्तु उनके द्वारा थाने में लिखाई गई रिपोर्ट कच्ची ही लिखी गई थी ।उन्होंने अनुरोध किया कि उनकी थाने में पक्की रिपोर्ट लिखवाई जाये और नियमानुसार कार्यवाही की जाये । इस संबंध में कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक से आवष्यक कार्यवाही करने की अनुषंसा की । जनसुनवाई में जनपद पंचायत बीना के देनिक वेतन भोगी कर्मचारी  धरमदास सैनी ने आवेदन प्रस्तुत किया कि वे विगत 20 वर्षो से जनपद में दैनिक दर पर कार्यकर रहे है और षासन के निर्देषानुसार 10 वर्षो में नियमित करने के निर्देष है । उन्होंने अनुरोध किया कि गत एक वर्ष से जनपद कार्यवाही में भृत्य का एक पद रिक्त है और उनकी नियमित नियुक्ति की जाये । इस संबंध में जनपद सी.ई.ओ. बीना को उचित कार्यवाही के निर्देष दिये गये । जनसुनवाई में सुरखी के सरपंच व ग्रामवासियों ने आवेदन प्रस्तुत किया कि विदवास रोड पर स्थित आंगनवाडी केन्द्र के पास सरकारी जमीन पर कतिपय लोग अतिक्रमण कर रहे है ।इसलिये उक्त जमीन आंगनवाडी के बच्चो के झूलाघर व खेलने के लिये आंगनवाडी केन्द्र को आवंटित की जाये । इस संबंध में एस.डी.एम. सागर को नियमानुसार कार्यवाही के निर्देष दिये गये । जनसुनवाई में रहली निवासी  महेन्द्र कुमार जोषी ने आवेदन दिया कि वार्ड क्रमांक 12 में स्थित षासकीय भूमि 6 नवम्बर 09 का अनावेदक मोतीलाल काछी ने अवैधानिक रूप से विक्रय पत्र सम्पादित कर दिया है । इस कार्यवाही की जांच कराई जाये और दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जाये । इस संबंध में एस.डी.एम. रहली को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये गये । जनसुनवाई में ग्राम डुगरिया के जगदीष कुमार षुक्ला ने आवेदन दिया कि उनकी सुल्तानगंज बरेली मार्ग पर स्थित 2 एकड जमीन का अधिग्रहण कर सडक निर्माण कराया गया है और उनके पुत्र के नाम की अधीग्रहीत की गई सिंचित जमीन का मुआवजा अभी तक नही मिला है,उन्हें अधिग्रहीत की गई जमीन का मुआवजा दिलवाया जाये । इस संबंध में कलेक्टर ने लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री को नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देष दिये गये ।
संभागीय विकास कार्यो की समीक्षा
सागर सागर कमिष्नर  एस.के.वेद ने संभागीय बैठक में विकास कार्यो की समीक्षा की। बैठक में सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ एवं पन्ना जिलो के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत उपायुक्त एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी बुन्देलखंड प्राधिकरण अधीक्षण यंत्री ग्रामीण विकास सेवा संयुक्त संचालक षिक्षा, माफेड आदि विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे । दो चरणो में संपन्न समीक्षा के प्रथम चरण में मनरेगा योजना में मार्च 2011 की तुलना में जारी वित्तीय वर्ष के नवम्बर मासांत तक अर्जित मानव दिवस तथा एक सौ दिवस पूर्ण करने वाले परिवारो की समीक्षा की गई । जिसके तहत नवम्बर 2011 तक 59.82 लाख मानव दिवस अर्जित किया गया । संभाग के सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ तथा पन्ना जिले में नवम्बर तक 14 लाख 29749 जॉब कार्ड जारी किए गए । तथा रोजगार चाहने वाले 3 लाख 22103 जॉबकार्डधारी को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया गया । जारी वित्तीय वर्ष के नवम्बर मासांत तक 2374259 लाख की राषि व्यय हुई । नवम्बर मासात तक संभाग में 8066 निर्माण कार्य पूर्ण हुए तथा 51178 प्रगतिरत रहे ।कपिलधरा योजना में नवम्बर तक 47827 स्वीकृत कूप में से 24654 कूप के निर्माण पूर्ण हुए । बुन्देलखंड विशेष पैकेज में 11616 पम्प स्थापित हुए जबकि अन्य योजनांतर्गत 3692 पम्प स्थापित हुए तथा 9621 पम्प प्रतिस्थापित किए गए । संभाग में लाइन विभाग द्वारा स्वीकृत कार्यो में से 18918 कार्य 5554230 लाख रूपये लागत से पूर्ण कराये गये । बैठक में मनरेगा में प्राप्त शिकायत जिलो में उपलब्ध राशि, व्यय राशि, पूर्ण कार्यो में से ऑनलाईन दर्ज कार्यो, विलम्बित भुगतान की समीक्षा की गई ।इसी तरह बुन्देलखंड पैकेज में संभाग के जिलों में स्वीकृत स्टापडेम कार्यो की समीक्षा की गई । जिलो में 84.12 करोड की राशि उपलब्ध है जिनमें से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को 52 करोड की राशि दी गई नवम्बर तक 16.66 करोड की राशि व्यय की । योजनांतर्गत 318 स्टापडेम 39 पैकेज में स्वीकृत हुए जिनमें से 38 के अनुबंध किए गए 257 कार्य शुरू हुए तथा 271 कार्यो के ले आउट दिए गए । बैठक में मुख्यमंत्री ग्रामीण सडक, मध्यान्ह भोजन योजना, नदी पुर्नउद्धार में शुरू कार्यो मे की गई तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की समीक्षा की गई ।
परिदृश्य में रहे हैं  बदलाव
सागर।वर्तमान परिदृश्य में पूर्व की तुलना में कई बदलाव आ रहे हैं। आज का युवा इन बदलावों को सचेत तौर पर महसूस कर रहा है। युवा अपने समय को प्रामाणिकता में अभिव्यक्त करना चाहता है। यह बात देश के प्रख्यात युवा कथाकार चंदन पांडे ने डॉ. हरी सिंह गौर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में कही। वे यहां पर शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से संवाद कर रहे थे। श्री पांडे ने सभी सवालों का बेहद संजीदगी से जवाब दिया। चंदन पांडे का नाम आज के युवा कथाकारों में सम्मान के साथ लिया जाता है। अब तब उनके दो कहानी संग्रह भारती ज्ञान पीठ नई दिल्ली से प्रकाशित हो चुके हैं। हिंदी के जानकारों ने इन्हें बेहद सराहा है। चंदन पांडे ने इस मौके पर अपनी दो कहानियां भी सुनाईं। ‘वीराने का कोतवाल’ और ‘मोहर’। वीराने का कोतवाल कहानी पारंपरिक कथा सूत्र को पकड़ते हुए आज की विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका में आए चरित्रगत पतन को रेखांकित करती है। मोहर कहानी महिलाओं की बदलती स्थिति और व्यावसायिक दुनिया, महिलाओं की सोच आदि को दर्शाती है। विभागाध्यक्ष प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने चंदन पांडे को युवा कथाकारों में सर्वाधिक विश्वसनीय और चमकदार चेहरा बताया। इस मौके पर प्रो. वीरेंद्र मोहन, प्रो. एडी शर्मा, रमेश दत्त दुबे, डॉ.एचसी जैन, प्रो. इंद्रदेव, डॉ. महेश तिवारी, प्रो. कुसुम भूरिया, प्रो. ऊषा भटनागर, डॉ. चंदा बेन, डॉ. राजेंद्र यादव, मंगल सिंह, शैलेंद्र यादव, दीपक मिश्रा, रमेश गोहे, रुबी पांडे, समीक्षा, आयुषी, ख्याति, देव बाला आदि मौजूद थीं। संचालन डॉ. आशुतोष ने किया। आभार आलोक पांडे ने माना। 
टोल टैक्स नाके का विरोध    
सागर। दमोह रोड पर शुरू हुए टोल टैक्स नाके का विरोध शुरू हो गया है। मप्र सड़क विकास प्राधिकरण के लिए यह रोड एक बड़ी निजी कंपनी ने बनाई है। इसका पहला टोल नाका हाल ही में सानौधा पुल के पहले शुरू किया गया है। जिला मैक्सी कैब एसोसिएशन ने टोल-टैक्स वसूली के विरोध में अधिकारियों को ज्ञापन दिया।एसोसिएशन की ओर से संभागीय प्रबंधक सड़क विकास प्राधिकरण के कार्यालय में दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि दमोह रोड पर शुरू की गई टोल टैक्स व्यवस्था में, पर्ची पर अवधि नहीं होने से एक ही दिन में कई बार आने जाने वाले वाहनों को हर बार टोल टैक्स चुकाना पड़ रहा है। चनाटौरिया सिदगुवां औद्योगिक क्षेत्र में कई वाहन संलग्न हैं। इन वाहनों को कई बार निकलना पड़ता है। इसी तरह मैक्सी कैब वाहनों को टैक्स के कारण आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है। ज्ञापन में मांग की गई कि मैक्सी कैब वाहनों को निजी यान मानकर 65 रुपए प्रतिमाह का पास जारी किया जाए। 12 घंटे में एक बार ही निर्धारित शुल्क वसूला जाए अथवा 200 रुपए का मासिक पास बनाया जाए। मप्र. सड़क विकास प्राधिकरण के संभागीय प्रबंधक गोपालसिंह ने बताया कि कंपनी, अनुबंध के मुताबिक ही टोल टैक्स वसूल रही है। उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार जो वाहन जितनी बार गुजरेगा, उसे उतनी ही बार टैक्स चुकाना पड़ेगा। ऐसा कोई नियम नहीं है कि 12 घंटे में एक बार ही टोल टैक्स लिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि अच्छी सड़क पर चलने का फायदा लेना है, तो कुछ आर्थिक बोझ तो लोगों को सहन करना ही पड़ेगा। टैक्स नियम अनुसार ही है।
 तीन साल में 14 लाख  व्यय
सागर।गढ़पहरा और राहतगढ़ का किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित हैं। इनके संरक्षण में संस्कृति विभाग ने वर्ष 2009 से 2011 के बीच तीन साल में 14 लाख रुपए से अधिक की राशि व्यय की है। यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति मंत्री कुमारी शैलजा ने सांसद भूपेंद्र सिंह को लोकसभा में दी है।मरम्मत और आवश्यक संसाधनों पर व्यय हुए रू केंद्रीय मंत्री के अनुसार यह राशि इन दोनों किलों की मरम्मत व अन्य जरूरी संसाधनों के प्रबंधन पर खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि नियमानुसार देखरेख के कारण ये दोनों किले भली-भांति परिरक्षित हैं। कु. शैलजा के अनुसार वर्ष 2011-12 में इन दोनों किलों के संरक्षण पर 6.15 लाख रुपए का आवंटन किया गया है।डेयरी विकास के लिए प्रस्ताव मिला है रू मप्र सरकार ने सागर में पैकेजिंग मशीन सहित डेयरी संयंत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए केंद्र को 4.67 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत का प्रस्ताव भेजा है। सागर जिले में प्रस्तावित प्रारंभिक 78 सहकारिता समितियों में से 37 समितियां स्थापित की जा चुकी हैं और वे 31 अगस्त 11 से काम कर रही हैं। यह जानकारी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री चरणदास महंत ने लोकसभा में सांसद श्री सिंह को दी। श्री महंत के मुताबिक बुंदेलखंड पैकेज के तहत पशुपालन, डेयरी, एवं मछलीपालन के लिए 100 करोड़ रुपए की राशि मप्र के लिए स्वीकृत की गई है। इस राशि में 60.70 करोड़ रुपए अतिरिक्त केंद्रीय घटक के रूप में शामिल हैं।

डेढ़ साल में सुधरेगा  सांची -सागर छतरपुर मार्ग
सागर। सांची से सागर और सागर से छतरपुर खण्ड में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-86 की जीर्ण-षीर्ण स्थिति के संबंध में केन्द्र सरकार का कहना है कि इस मानसून में हुई भारी वर्षा के कारण कुछ खण्ड अच्छी स्थिति में नहीं हैं। जिन्हें सुधारने का कार्य जुलाई-2013 तक पूरा करने का लक्ष्य है।लोकसभा में सांसद भूपेन्द्र सिंह द्वारा किए गए प्रष्न पर सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री डॉ. तुषार ए. चौधरी ने उक्त जानकारी दी है। राजमार्ग क्रमांक-86 के सांची-सागर और सागर-छतरपुर खण्ड जीर्ण-षीर्ण स्थिति में होने तथा इनकी मरम्मत के लिए सरकार द्वारा आवंटित व व्यय की गई निधियों पर सांसद श्री सिंह ने ब्यौरा मांगा। जिस पर राज्यमंत्री ने लिखित जबाब में बताया है कि इस मानसून में भारी वर्षा के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-86 के कुछ खण्ड अच्छी स्थिति में नहीं हैं। राहतगढ़ होते हुए सांची से सागर तक के अनुरक्षण/सुधार के लिए 144.25 करोड़ रूपए के दो कार्यो और मकरोनिया, बहेरिया तथा छतरपुर होते हुए सागर मध्यप्रदेष/उत्तरप्रदेष सीमा खण्ड के लिए 72.60 करोड़ रूपए के दो कार्य संस्वीकृत किए गए हैं और प्रगति पर हैं। इन कार्यों को जुलाई-2013 तक पूरा करने का लक्ष्य है। सांसद श्री सिंह के एक अन्य प्रष्न पर राज्यमंत्री ने बताया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास एक सतत् प्रक्रिया है। तद्नुरूप निर्माण कार्यों को यातायात की सघनता, परस्पर प्राथमिकता और निधि की उपलब्धता के आधार पर शुरू किया जाता है। एनएचडीपी के अन्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए राज्यवार लक्ष्य निर्धारित नहीं किए जाते। राज्यमंत्री के मुताबिक मध्यप्रदेष में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास/उन्नयन की 13 परियोजनाएं विलम्ब से चल रही हैं। ये परियोजनाएं ठेकेदार के अल्प निष्पादन, वन/वन्यजीव/रेलवे संस्वीकृति प्राप्त किए जाने में बिलम्ब से होने के कारण विलंबित हुई हैं। परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना द्वारा परियोजना के कार्यान्वयन का सघन अनुवीक्षण किए जाने हेतु मुख्य महाप्रबंधकों की अध्यक्षता में क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किए गए है।   फोरलेन सड़कों के निर्माण संबंधी अन्य प्रष्न पर राज्यमंत्री ने संासद श्री सिंह को बताया कि ठेकेदारों के अल्प निष्पादन, वन/वन्यजीव/रेलवे से संस्वीकृतियाँ प्राप्त करने में विलंब, कुछ राज्यों में कानून-व्यवस्था संबंधी समस्याओं, भूमि अधिग्रहण में विलंब आदि के कारण फोरलेन निर्माण कार्य के कार्यान्वयन में प्रगति प्रभावित हुई है। मध्यप्रदेष में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-3, 7, 26, 26वी, 59 69-ए, 75 और 86 पर फोरलेन बनाए जा रहे हैं। अपनी सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में होने वाले विलम्ब को न्यूनतम करने के लिए सरकार द्वारा अनेक उपाय किए जा रहे हैं। विलंबित परियोजनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाती है। कार्य में तेेजी लाने के लिए मुख्यालय तथा फील्ड इकाईयों में इनकी आवधिक रूप से समीक्षा की जाती है।