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Wednesday, December 14, 2011




लाखों में बदलने का गोरखधंधा
कम्प्यूटर लैपटॉप, मोबाइल ग्राहकों को लूटने का कारोबार दिन दूना रात चौगुना फैल रहा है। एक मोटे-मोटे अनुमान के मुताबिक ५० से लेकर ७५ लाख की राशि के खेल में कर चोरी का खेल चल रहा है। नकली विंडो और साफ्टवेयरों की ब्रिकी से भी ११ हजार की विंडो के नकली संस्करणों से ११ लाख में बदलने का गोरखधंधा चल रहा है। जिसे रोकने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है।
                         मनोज शुक्ला                
सागर। शहर में लंबे अर्से से नकली साफ्टवेयर का कारोबार फल फूल रहा है। हालांकि कुछेक अवसरों पर एकाध कम्प्यूटर अथवा सीडी विक्रेताओं के यहां कार्रवाई की गई है। जो अपर्याप्त है क्योंकि कम्प्यूटर विक्रेता इस माध्यम से प्रतिमाह लाखों कमा रहे हैं। साथ ही खरीददार हर रोज इन दुकानदारों के चक्कर काटता रहता है। उसके कम्प्यूटर में लोड साफ्वेयर लायसेंसी नहीं होते हैं। फलस्वरूप कभी विंडो करप्ट तो कभी साफ्वेयर काम रोक देता है। ऐसे में दुकानदार ग्राहक को ही गलत हैंडलिंग का आरोप लगाकर फार्मेट कराने की सलाह देकर फिर ठग लेता है। इस प्रकार औसतन हर दूसरा कम्प्यूटर उपभोक्ता दुकानदारों से पीड़ित है। इसी प्रकार मोबाइल इंटरनेट के चलन के बाद लगभग सभी कंपनियां उपभोक्ताओं को इस सेवा के बदले में ठग रही हैं। मार्केट में इंटरनेट का मजा लेने नेट सेटर मिल रहे हैं। जो कमियों से भरे हैं। फिर भी ग्राहकों की जरूरत को ध्यान में रखे बगैर ये उपकरण पकड़ा देता है। जिससे ग्राहक की रकम व्यर्थ हो जाती है। यही नहीं परकोटा का एक दुकानदार तो माइक्रोमेक्स के नेट सेटर के स्पेसीफिकेशन को भी मानने तैयार नहीं है। कंपनी ने इस प्रोडक्ट में दावा किया है कि नेट सेटर विंडो ७ सपोर्ट नहीं करता है।
फिर भी वह ग्राहक को राहत नहीं दे रहा है। इसके अलावा नेट चलाने जीपीआरएस पैक मार्केट में उपलब्ध है। ग्राहक इन्हें अपने मोबाइल में रिचार्ज  करवा लेता है। लेकिन कंपनी जीपीआरएस सेटिंग नहीं भेजती है। फलस्वरूप इस सेवा का फायदा नहीं मिलता है। रकम बेकार चली जाती है। यदि सेवा से नेट कनेक्ट हो गया तो मोबाइलधारी के टॉकटाइम में से राशि काट ली जाती है। जबकि उसने जीपीआरएस पैक एक्टीवेट कराए रखा होता है।
परकोटा क्षेत्र में ही कम्प्यूटर बेचने वालों की करीब ५ से अधिक दुकानें है जहां पर ग्राहकों को खुले आम लूटा जा रहा है। इन दुकानों पर ब्रांडेेड कंप्यूटर, लैपटाप के साथ नकली साफ्वेयर और विंडो लोड की जा रही है। जबकि ब्रांडेड आइटमों के साथ प्रीलोडेड विंडो और साफ्टवेयर आते हैं। जिन्हें ये दुकानदार निकालकर एक तरफ कर चोरी करने में लगे हैं।
दूसरी ओर एक लायसेंस पर अनेक ग्राहकों को ठग रहे हैं। यही नहीं इन आइटमों के बाद भी कंपनी की निर्धारित दरों पर खरीदादरों को सामग्री बेचते हैं। इन दिनों विंडो ७ की डिमांड है। एचसीएल, डेल सहित अन्य ब्रांडों  में प्रीलोडेड विंडों आ रही है।  लेकिन एचसीएल के डीलर विंडो अल्टीमेट कीमत करीब ११ हजार के कई गुना बनाने में लगे हैं। फलस्वरूप लैपटाप, कम्प्यूटर खरीददार कुछ समय में ही विंडो जिनाइन नहीं है के संदेश से पीड़ित होने लगता है। करीब ३०  हजार से अधिक की राशि ब्रांडेड लैपटाप कंप्यूटर जो आई-३ अथवा और अधिक श्रेणी के हैं। उनमें नकली साफ्टवेयर लगाने का गोरखधंधा कर रहे हैें। जिससे प्रति लैपटाप दुकानदार करीब १५ से २० हजार का फायदा ले रहा है। जबकि ग्राहक को ३५ हजार के आस-पास बेचता है। पूरे शहर में अनुमान है कि प्रतिदिन ५०० से ६०० कम्प्यूटर लैपटाप की ब्रिकी होती है। ऐसे में ७५ लाख से अधिक राशि के हेरफेर में कर चोरी का खेल चल रहा है। ग्राहकों को फर्जी बिल थमायें जाते हैं। फिर उनमें सुधार करके वेट आदि जैसे करों का भुगतान करने लेखे तैयार कराए जाते हैं।
माइक्रोसाफ्ट जैसी कंपनी की विंडो सर्वाधिक प्रचलन में है। वर्तमान में ई-गवर्नेस और स्कूल कॉलेजों सहित घरों-घरों में कम्प्यूटर अनिवार्य अंग बन गए हैं। लेकिन निर्माता कंपनियां आने उत्पादों की चोरी रोकने में नाकाम हैं। जबकि वे अपने हैडक्वाटर में बैठे-बैठे ही अपने उत्पादों के चोरों को ट्रेस कर सकती है। लेकिन ये कंपनियां फिर भी कुछ नहीं करती है। इसके पीछे का रहस्य समझ से परे हैं। जिला प्रशासन के पास कॉपीराइट एक्ट के तहत कार्रवाई के प्रावधान है। साइबर क्राइम पुलिस के हाथ में है। लेकिन ग्राहक पूरे पैसे देकर भी ठगा जा रहा है, परेशान हो रहा है। आखिर यह कैसा सिस्टम है कि कर चोरों ठगों और ग्राहकों को लूटने वालों पर कोई भी छापामार कार्रवाई नहीं होती है। इन्हें सभी तरफ से संरक्षण प्राप्त है।
 इनका कहना है
एडीशनल एसपी डीआर तेनीवार ने नकली उत्पादों, साफ्टवेयर पर कार्रवाई करने को अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया। साथ ही इस मामले में वे कुछ ज्यादा बताने से बचते रहे। इसी प्रकार सीएसपी रक्षपाल यादव ने भी मामले पर टालने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि हम लोग तो पुराने जमाने के हैं।  कम्प्यूटर बगैरह जानते नहीं है किसी नए जानकार से पूछना चाहिए। वैसे अभी वे छूट्टड्ढी पर है। कह कर स्पष्टड्ढ राय देने से इंकार कर दिया।
जनसुनवाई में 37 समस्यायें सुनी

सागर। कलेक्टर डा.ई.रमेष कुमार ने कलेक्टर कक्ष में 37 आवेदकों की समस्यायें सुनी और उन्हें निपटाने के लिये संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।जनसुनवाई में रामपुरा वार्ड सागर निवासी  अजय कुमार जैन ने आवेदन प्रस्तुत किया कि वे 6 जून 2006 को मोटर साईकिल चलाते हुए बण्डा जा रहे थे और बीच में खडे टैक्टर से टकराकर घायल हो गये थे। वे अस्पताल में भर्ती भी रहे किन्तु उनके द्वारा थाने में लिखाई गई रिपोर्ट कच्ची ही लिखी गई थी ।उन्होंने अनुरोध किया कि उनकी थाने में पक्की रिपोर्ट लिखवाई जाये और नियमानुसार कार्यवाही की जाये । इस संबंध में कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक से आवष्यक कार्यवाही करने की अनुषंसा की । जनसुनवाई में जनपद पंचायत बीना के देनिक वेतन भोगी कर्मचारी  धरमदास सैनी ने आवेदन प्रस्तुत किया कि वे विगत 20 वर्षो से जनपद में दैनिक दर पर कार्यकर रहे है और षासन के निर्देषानुसार 10 वर्षो में नियमित करने के निर्देष है । उन्होंने अनुरोध किया कि गत एक वर्ष से जनपद कार्यवाही में भृत्य का एक पद रिक्त है और उनकी नियमित नियुक्ति की जाये । इस संबंध में जनपद सी.ई.ओ. बीना को उचित कार्यवाही के निर्देष दिये गये । जनसुनवाई में सुरखी के सरपंच व ग्रामवासियों ने आवेदन प्रस्तुत किया कि विदवास रोड पर स्थित आंगनवाडी केन्द्र के पास सरकारी जमीन पर कतिपय लोग अतिक्रमण कर रहे है ।इसलिये उक्त जमीन आंगनवाडी के बच्चो के झूलाघर व खेलने के लिये आंगनवाडी केन्द्र को आवंटित की जाये । इस संबंध में एस.डी.एम. सागर को नियमानुसार कार्यवाही के निर्देष दिये गये । जनसुनवाई में रहली निवासी  महेन्द्र कुमार जोषी ने आवेदन दिया कि वार्ड क्रमांक 12 में स्थित षासकीय भूमि 6 नवम्बर 09 का अनावेदक मोतीलाल काछी ने अवैधानिक रूप से विक्रय पत्र सम्पादित कर दिया है । इस कार्यवाही की जांच कराई जाये और दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जाये । इस संबंध में एस.डी.एम. रहली को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये गये । जनसुनवाई में ग्राम डुगरिया के जगदीष कुमार षुक्ला ने आवेदन दिया कि उनकी सुल्तानगंज बरेली मार्ग पर स्थित 2 एकड जमीन का अधिग्रहण कर सडक निर्माण कराया गया है और उनके पुत्र के नाम की अधीग्रहीत की गई सिंचित जमीन का मुआवजा अभी तक नही मिला है,उन्हें अधिग्रहीत की गई जमीन का मुआवजा दिलवाया जाये । इस संबंध में कलेक्टर ने लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री को नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देष दिये गये ।
संभागीय विकास कार्यो की समीक्षा
सागर सागर कमिष्नर  एस.के.वेद ने संभागीय बैठक में विकास कार्यो की समीक्षा की। बैठक में सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ एवं पन्ना जिलो के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत उपायुक्त एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी बुन्देलखंड प्राधिकरण अधीक्षण यंत्री ग्रामीण विकास सेवा संयुक्त संचालक षिक्षा, माफेड आदि विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे । दो चरणो में संपन्न समीक्षा के प्रथम चरण में मनरेगा योजना में मार्च 2011 की तुलना में जारी वित्तीय वर्ष के नवम्बर मासांत तक अर्जित मानव दिवस तथा एक सौ दिवस पूर्ण करने वाले परिवारो की समीक्षा की गई । जिसके तहत नवम्बर 2011 तक 59.82 लाख मानव दिवस अर्जित किया गया । संभाग के सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ तथा पन्ना जिले में नवम्बर तक 14 लाख 29749 जॉब कार्ड जारी किए गए । तथा रोजगार चाहने वाले 3 लाख 22103 जॉबकार्डधारी को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया गया । जारी वित्तीय वर्ष के नवम्बर मासांत तक 2374259 लाख की राषि व्यय हुई । नवम्बर मासात तक संभाग में 8066 निर्माण कार्य पूर्ण हुए तथा 51178 प्रगतिरत रहे ।कपिलधरा योजना में नवम्बर तक 47827 स्वीकृत कूप में से 24654 कूप के निर्माण पूर्ण हुए । बुन्देलखंड विशेष पैकेज में 11616 पम्प स्थापित हुए जबकि अन्य योजनांतर्गत 3692 पम्प स्थापित हुए तथा 9621 पम्प प्रतिस्थापित किए गए । संभाग में लाइन विभाग द्वारा स्वीकृत कार्यो में से 18918 कार्य 5554230 लाख रूपये लागत से पूर्ण कराये गये । बैठक में मनरेगा में प्राप्त शिकायत जिलो में उपलब्ध राशि, व्यय राशि, पूर्ण कार्यो में से ऑनलाईन दर्ज कार्यो, विलम्बित भुगतान की समीक्षा की गई ।इसी तरह बुन्देलखंड पैकेज में संभाग के जिलों में स्वीकृत स्टापडेम कार्यो की समीक्षा की गई । जिलो में 84.12 करोड की राशि उपलब्ध है जिनमें से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को 52 करोड की राशि दी गई नवम्बर तक 16.66 करोड की राशि व्यय की । योजनांतर्गत 318 स्टापडेम 39 पैकेज में स्वीकृत हुए जिनमें से 38 के अनुबंध किए गए 257 कार्य शुरू हुए तथा 271 कार्यो के ले आउट दिए गए । बैठक में मुख्यमंत्री ग्रामीण सडक, मध्यान्ह भोजन योजना, नदी पुर्नउद्धार में शुरू कार्यो मे की गई तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की समीक्षा की गई ।
परिदृश्य में रहे हैं  बदलाव
सागर।वर्तमान परिदृश्य में पूर्व की तुलना में कई बदलाव आ रहे हैं। आज का युवा इन बदलावों को सचेत तौर पर महसूस कर रहा है। युवा अपने समय को प्रामाणिकता में अभिव्यक्त करना चाहता है। यह बात देश के प्रख्यात युवा कथाकार चंदन पांडे ने डॉ. हरी सिंह गौर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में कही। वे यहां पर शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से संवाद कर रहे थे। श्री पांडे ने सभी सवालों का बेहद संजीदगी से जवाब दिया। चंदन पांडे का नाम आज के युवा कथाकारों में सम्मान के साथ लिया जाता है। अब तब उनके दो कहानी संग्रह भारती ज्ञान पीठ नई दिल्ली से प्रकाशित हो चुके हैं। हिंदी के जानकारों ने इन्हें बेहद सराहा है। चंदन पांडे ने इस मौके पर अपनी दो कहानियां भी सुनाईं। ‘वीराने का कोतवाल’ और ‘मोहर’। वीराने का कोतवाल कहानी पारंपरिक कथा सूत्र को पकड़ते हुए आज की विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका में आए चरित्रगत पतन को रेखांकित करती है। मोहर कहानी महिलाओं की बदलती स्थिति और व्यावसायिक दुनिया, महिलाओं की सोच आदि को दर्शाती है। विभागाध्यक्ष प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने चंदन पांडे को युवा कथाकारों में सर्वाधिक विश्वसनीय और चमकदार चेहरा बताया। इस मौके पर प्रो. वीरेंद्र मोहन, प्रो. एडी शर्मा, रमेश दत्त दुबे, डॉ.एचसी जैन, प्रो. इंद्रदेव, डॉ. महेश तिवारी, प्रो. कुसुम भूरिया, प्रो. ऊषा भटनागर, डॉ. चंदा बेन, डॉ. राजेंद्र यादव, मंगल सिंह, शैलेंद्र यादव, दीपक मिश्रा, रमेश गोहे, रुबी पांडे, समीक्षा, आयुषी, ख्याति, देव बाला आदि मौजूद थीं। संचालन डॉ. आशुतोष ने किया। आभार आलोक पांडे ने माना। 
टोल टैक्स नाके का विरोध    
सागर। दमोह रोड पर शुरू हुए टोल टैक्स नाके का विरोध शुरू हो गया है। मप्र सड़क विकास प्राधिकरण के लिए यह रोड एक बड़ी निजी कंपनी ने बनाई है। इसका पहला टोल नाका हाल ही में सानौधा पुल के पहले शुरू किया गया है। जिला मैक्सी कैब एसोसिएशन ने टोल-टैक्स वसूली के विरोध में अधिकारियों को ज्ञापन दिया।एसोसिएशन की ओर से संभागीय प्रबंधक सड़क विकास प्राधिकरण के कार्यालय में दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि दमोह रोड पर शुरू की गई टोल टैक्स व्यवस्था में, पर्ची पर अवधि नहीं होने से एक ही दिन में कई बार आने जाने वाले वाहनों को हर बार टोल टैक्स चुकाना पड़ रहा है। चनाटौरिया सिदगुवां औद्योगिक क्षेत्र में कई वाहन संलग्न हैं। इन वाहनों को कई बार निकलना पड़ता है। इसी तरह मैक्सी कैब वाहनों को टैक्स के कारण आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है। ज्ञापन में मांग की गई कि मैक्सी कैब वाहनों को निजी यान मानकर 65 रुपए प्रतिमाह का पास जारी किया जाए। 12 घंटे में एक बार ही निर्धारित शुल्क वसूला जाए अथवा 200 रुपए का मासिक पास बनाया जाए। मप्र. सड़क विकास प्राधिकरण के संभागीय प्रबंधक गोपालसिंह ने बताया कि कंपनी, अनुबंध के मुताबिक ही टोल टैक्स वसूल रही है। उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार जो वाहन जितनी बार गुजरेगा, उसे उतनी ही बार टैक्स चुकाना पड़ेगा। ऐसा कोई नियम नहीं है कि 12 घंटे में एक बार ही टोल टैक्स लिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि अच्छी सड़क पर चलने का फायदा लेना है, तो कुछ आर्थिक बोझ तो लोगों को सहन करना ही पड़ेगा। टैक्स नियम अनुसार ही है।
 तीन साल में 14 लाख  व्यय
सागर।गढ़पहरा और राहतगढ़ का किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित हैं। इनके संरक्षण में संस्कृति विभाग ने वर्ष 2009 से 2011 के बीच तीन साल में 14 लाख रुपए से अधिक की राशि व्यय की है। यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति मंत्री कुमारी शैलजा ने सांसद भूपेंद्र सिंह को लोकसभा में दी है।मरम्मत और आवश्यक संसाधनों पर व्यय हुए रू केंद्रीय मंत्री के अनुसार यह राशि इन दोनों किलों की मरम्मत व अन्य जरूरी संसाधनों के प्रबंधन पर खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि नियमानुसार देखरेख के कारण ये दोनों किले भली-भांति परिरक्षित हैं। कु. शैलजा के अनुसार वर्ष 2011-12 में इन दोनों किलों के संरक्षण पर 6.15 लाख रुपए का आवंटन किया गया है।डेयरी विकास के लिए प्रस्ताव मिला है रू मप्र सरकार ने सागर में पैकेजिंग मशीन सहित डेयरी संयंत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए केंद्र को 4.67 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत का प्रस्ताव भेजा है। सागर जिले में प्रस्तावित प्रारंभिक 78 सहकारिता समितियों में से 37 समितियां स्थापित की जा चुकी हैं और वे 31 अगस्त 11 से काम कर रही हैं। यह जानकारी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री चरणदास महंत ने लोकसभा में सांसद श्री सिंह को दी। श्री महंत के मुताबिक बुंदेलखंड पैकेज के तहत पशुपालन, डेयरी, एवं मछलीपालन के लिए 100 करोड़ रुपए की राशि मप्र के लिए स्वीकृत की गई है। इस राशि में 60.70 करोड़ रुपए अतिरिक्त केंद्रीय घटक के रूप में शामिल हैं।

डेढ़ साल में सुधरेगा  सांची -सागर छतरपुर मार्ग
सागर। सांची से सागर और सागर से छतरपुर खण्ड में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-86 की जीर्ण-षीर्ण स्थिति के संबंध में केन्द्र सरकार का कहना है कि इस मानसून में हुई भारी वर्षा के कारण कुछ खण्ड अच्छी स्थिति में नहीं हैं। जिन्हें सुधारने का कार्य जुलाई-2013 तक पूरा करने का लक्ष्य है।लोकसभा में सांसद भूपेन्द्र सिंह द्वारा किए गए प्रष्न पर सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री डॉ. तुषार ए. चौधरी ने उक्त जानकारी दी है। राजमार्ग क्रमांक-86 के सांची-सागर और सागर-छतरपुर खण्ड जीर्ण-षीर्ण स्थिति में होने तथा इनकी मरम्मत के लिए सरकार द्वारा आवंटित व व्यय की गई निधियों पर सांसद श्री सिंह ने ब्यौरा मांगा। जिस पर राज्यमंत्री ने लिखित जबाब में बताया है कि इस मानसून में भारी वर्षा के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-86 के कुछ खण्ड अच्छी स्थिति में नहीं हैं। राहतगढ़ होते हुए सांची से सागर तक के अनुरक्षण/सुधार के लिए 144.25 करोड़ रूपए के दो कार्यो और मकरोनिया, बहेरिया तथा छतरपुर होते हुए सागर मध्यप्रदेष/उत्तरप्रदेष सीमा खण्ड के लिए 72.60 करोड़ रूपए के दो कार्य संस्वीकृत किए गए हैं और प्रगति पर हैं। इन कार्यों को जुलाई-2013 तक पूरा करने का लक्ष्य है। सांसद श्री सिंह के एक अन्य प्रष्न पर राज्यमंत्री ने बताया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास एक सतत् प्रक्रिया है। तद्नुरूप निर्माण कार्यों को यातायात की सघनता, परस्पर प्राथमिकता और निधि की उपलब्धता के आधार पर शुरू किया जाता है। एनएचडीपी के अन्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए राज्यवार लक्ष्य निर्धारित नहीं किए जाते। राज्यमंत्री के मुताबिक मध्यप्रदेष में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास/उन्नयन की 13 परियोजनाएं विलम्ब से चल रही हैं। ये परियोजनाएं ठेकेदार के अल्प निष्पादन, वन/वन्यजीव/रेलवे संस्वीकृति प्राप्त किए जाने में बिलम्ब से होने के कारण विलंबित हुई हैं। परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना द्वारा परियोजना के कार्यान्वयन का सघन अनुवीक्षण किए जाने हेतु मुख्य महाप्रबंधकों की अध्यक्षता में क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किए गए है।   फोरलेन सड़कों के निर्माण संबंधी अन्य प्रष्न पर राज्यमंत्री ने संासद श्री सिंह को बताया कि ठेकेदारों के अल्प निष्पादन, वन/वन्यजीव/रेलवे से संस्वीकृतियाँ प्राप्त करने में विलंब, कुछ राज्यों में कानून-व्यवस्था संबंधी समस्याओं, भूमि अधिग्रहण में विलंब आदि के कारण फोरलेन निर्माण कार्य के कार्यान्वयन में प्रगति प्रभावित हुई है। मध्यप्रदेष में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-3, 7, 26, 26वी, 59 69-ए, 75 और 86 पर फोरलेन बनाए जा रहे हैं। अपनी सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में होने वाले विलम्ब को न्यूनतम करने के लिए सरकार द्वारा अनेक उपाय किए जा रहे हैं। विलंबित परियोजनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाती है। कार्य में तेेजी लाने के लिए मुख्यालय तथा फील्ड इकाईयों में इनकी आवधिक रूप से समीक्षा की जाती है।