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Thursday, May 17, 2012

सागर तालाब बना जहरीला

मनोज शुक्ला

सागर।गर्मी और  प्रदूषण के कारण लाखा बंजारा झील में दो इंच से लेकर दो फिट तक की लाखों मछलियों की मौत हो गई।मत्स्य विभाग के भरत सिंह के अनुसार तालाब जहरीली गैसे बनती है ।चूँकि यहाँ पर अत्यधिक प्रदुषण है ध्इस तरह देखे तो कहा जा सकता है कि तालाब का पानी जहर बन चुका है ।मछलियों की बदबू से तालाब किनारे रहने वाले लोग व राहगीर परेशान रहे तो वहीं मौके पर पहुंचे निगमकर्मियों ने पाउडर छिड़काव कर झील से मछलियों को निकालकर अलग किया। प्रशासन की लापरवाही के चलते पिछले माह अप्रैल को भी लाखों मछलियों ने घुट-घुट कर दम तोड़ दिया था।तालाब का पानी प्रदुषित होने छोटी प्रजाति की चपटरा मछली से लेकर नगर निगम द्वारा छोड़ी गई,लाखों रुपए की ग्रास क्राप मछली भी मर गई। संजय ड्राइव के पास पेड़-पौधे व जलकुंभी चट करने वाली कई ग्रास क्राप मछलियां किनारे पर मरी हुई दिखाई दी। यह विदेशी प्रजाति की मछली कुछ समय पूर्व ही निगम प्रशासन ने तालाब में डाली थी, लेकिन निगम आयुक्त की जिद के कारण तालाब प्रदुषण मुक्त किये बगैर इस क्राप पर लाखों खर्ज करवा दिए ध्अपने कमीशन के चक्कर में  उनहोंने यह प्रजाति डलवाई थी ध्ऐसे आरोप पार्षदों ने लगाये हैं. ध्मरी हुई मछलियों में चपटरा, कतला सहित डेढ़ से दो किलों वजन तक की कई प्रजाति की मछलियां शामिल हैं।तालाब के तीन मढ़िया, चकराघाट, गऊघाट, गणेश घाट आदि मुख्य घाटों पर जहां छोटी-छोटी मछलियां तैरती हुई दिखाई दे रही थी तो वहीं संजय ड्राइव के पास दो फिट लंबी तक मछलियां मरी हुई तैर रही थी। करीब  6 ट्राली छोटी-बड़ी मछलियों की मौत हो गई। इसके बाद शाम करीब 5 बजे नगर निगम आयुक्त एवं मतत्स विभाग के अधिकारियों ने तालाब का निरीक्षण किया और मछलियों की मौत के संबंध में मतस्य विभाग के अधिकारियों से चर्चा की। तालाब में मछलियों की बदबू से आसपास के रहवासी व व्यापारी भी परेशान हुए। विधायक शैलेन्द्र जैन ने निगमायुक्त को निर्देश देते हुए कहा कि तालाब की जल्द ही सफाई की जावे और मृत मछलियों को सड़ने के पूर्वतालाब से निकालकर बाहर निकालें। उन्होंने  कहा कि हम मतस्य विभाग के माध्यम से इन मृत मछलियों का पोस्टमार्टम कराकर इनके मृत होने के कारणों की जांच कराकर इसकी रोकथाम के उपाए करेंगे ।  निगम आयुक्त एसबी सिंह ने कहा पानी में कार्बनडाई आक्साईड की मात्रा बढ़ जाती है और तालाब का पानी भी कम होने लगता है जिससे मछलियां दम तोड़ने लगती है। सागर की पहचान कहे जाने वाले लाखा बंजारा झील में फिर से कई क्विंटल मछलियां मर गईं। विधायक शैलेन्द्र जैन ने कहा कि सागर तालाब में एरियेटर लगाएंगे ताकि तालाब के पानी में आक्सीजन की कमी न हो सके। उन्होने कहा कि प्रयोग के रूप में अभी हम छोटे तालाब में एक एरियेटर लगायेगे। यदि यह सफल रहा तो बड़े तालाब में तीन से चार एरियेटर लगाये जावेगे।
पानी के साथ घुल रहा जहर
लाखा बंजारा झील में शहर के करीब आधा दर्जन बड़े नालों सहित कई दर्जनों छोटी नालियों के गंदे पानी के साथ-साथ अन्य जहरीली सामग्री भी सीधे तालाब में मिलकर तालाब के पानी को तेजी से प्रदुषित कर रही है।यदि जल्द ही इन नालों के गंदे पानी को झील में मिलने से नहीं रोका गया तो सागर की पहचान कही जाने वाली यह झील पानी की खराबी को लेकर पहचानी जाएगी और इसी तरह इसमें मछलियों सहित अन्य जानवरों की मौत का सिलसिला जारी रहेगा। ङष्ख१६ऋ्ीटा्रसागर। शहर की शान कही जाने वाली लाखा बंजारा झील में शहर के चारों ओर की बस्तियों का गंदा पानी नालों एवं छोटी नालियों के द्वारा सीधा तालाब में मिल रहा है।सागर लाखा बंजारा झील में शहर के करीब आधा दर्जन बड़े नालों सहित कई दर्जनों छोटी नालियों के गंदे पानी के साथ-साथ अन्य जहरीली सामग्री भी सीधे तालाब में मिलकर तालाब के पानी को तेजी से प्रदुषित कर रही है।यदि जल्द ही इन नालों के गंदे पानी को झील में मिलने से नहीं रोका गया तो सागर की पहचान कही जाने वाली यह झील पानी की खराबी को लेकर पहचानी जाएगी और इसी तरह इसमें मछलियों सहित अन्य जानवरों की मौत का सिलसिला जारी रहेगा।  नगर निगम में परकोटा, तिली मार्ग में बना नाला, बस स्टैण्ड, पुरव्याऊ आदि नाले दर्जैं जिनका गंदा पानी तालाब में आकर मिलता है जबकि छोटे-बड़े ऐसे और भी कईनाले एवं नालियां हैं जिनका गंदा पानी सीधे तालाब में मिलता है।नगर निगम के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीवेज के कारण अभी नालों को बंद नहीं किया गया है। जब सीवेज लाईन डलेगी तो नालों को बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।झील में कईवार्डों का गंदा पानी सीधा आकर मिल रहा है।इनमें तीन मढ़िया के पास भी एक नाला बना हुआ है जो परकोटा, शनीचरी व शुक्रवारी वार्ड के गंदे पानी को सीधा तालाब में छोड़ता है। यहां कईलोग बीढ़ी का निर्माण करते हैं तो कुछ मांस की दुकानें भी हैं और यह सभी खतरनाक चीजें नाले के माध्यम से सीधा तालाब में प्रवेश करती हैं जिससे पानी प्रदुषित हो रहा है।बस स्टैण्ड व जैन हाई स्कूल का नाला पॉलीथिन से अटा पड़ा है।इसके अलावा यहां कई होटलें भी खुली हुईं हैं और यहां से निकलने वाली गंदगी भी सीधे तालाब में जाकर मिलती है। यहां के नालों में पॉलीथिन मिली होने के कारण यह पानी को नुकसान पहुंचा रही है।तिली रोडमें बने नाले से कई वार्डों का गंदा पानी सीधे तालाब में मिलता है। यहां कुछ अस्पताल होने के कारण के कारण यहां से निकलने वाली जहरीली सामग्री भी चोरी-छिपे तालाब में ही ठिकाने लगा दी जाती है जो पानी को तेजी से प्रदुषित कर रही है।यहां कुछ शादी घर भी बने हुए हैं जिनसे निकलने वाला जूठन व अन्य कचरा मैरिज गार्डन संचालक तालाब किनारे या फिर सीधा तालाब में फेंक देते हैं जिससे पानी खराब हो रहा है। पुरव्याऊ क्षेत्र में बना हुआ नाला बड़ी मात्रा में गंदा पानी तालाब में छोड़ता है।इसके अलावा यहां चलने वाली कईहोटलों व मकानों का पानी भी सीधा तालाब में मिलता है। पुरव्याऊ क्षेत्र में कुछ लोग अपने मकानों के टैंक का गंदा पानी सीधा तालाब में ही छोड़ते हैं जिससे पानी दूषित होता है।

वास्तविक किसान का गेहूं खरीदा
 जायेगाःभार्गव
सागर ।प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार किसानों से गेहूं की खरीदी समर्थन मूल्य के साथ अतिरिक्त 100 रूपये प्रति क्विंटल बोनस देकर जिले में की जा रही है । जिले में गेहूं उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से की जा रही गेहूं उपार्जन की प्रगति और गेहूं खरीदी में आने वाली समस्याओं के निपटारे के लिये सागर में पंचायत एवं ग्रामीण विकास और सामाजिक न्याय मंत्री गोपाल भार्गव की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई । जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से गेहूं उपार्जन कार्य को और सुगम बनाये के संबंध में विचार विमर्श कर महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये । स्थानीय कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला पंचायत अध्यक्ष हरवंशसिंह राठौर, म.प्र. महिला एवं वित्त विकास निगम की अध्यक्ष श्रीमती सुधा जैन, म.प्र. राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष नारायण कबीरपंथी, विधायक प्रदीप लारिया, भानू राणा व डा. श्रीमती विनोद पंथी, कलेक्टर डा.ई.रमेश कुमार, सहाकारिता, कार्पोरेटिव बैंक, म.प्र.वेयर हाउसिंग और खाद्य आदि संबंधित विभाग के अधिकारियों की मौजदूगी में बुधवार को संपन्न बैठक में पंचायत मंत्री श्री भार्गव ने कहा कि जिले के उपार्जन केन्द्रों में जहां वारदाने की कमी है उसकी पूर्ति के लिये कल तक यहां एक वारदाने की रैक पहुंच जायेगी । आवश्यकतानुसार कलेक्टर के निर्देशन में वारदाने भी संबंधित केन्द्रों में भेजे जायेगे । इसके अतिरिक्त यदि किसान स्वयं भी अपने वारदाने के साथ गेहूं लायेगा तो वह भी उपार्जन केन्द्र में खरीदा जायेगा । यदि केन्द्र में सिलाई मशीन खराब होने का अथवा धागा टूटने की शिकायत मिलती है तो उसके समाधान के लिये राज्य स्तर से सरकार ने हाथ से वारदाने की सिलाई करने के नवीन निर्देश भी जारी किये जा रहे है । श्री भार्गव ने कहा कि सभी सरकारी अमले के साथ जनप्रतिनिधियों को भी किसानो को प्रोत्साहित करना चाहिये कि किसान जब उपार्जन केन्द्रो में गेहूं बचने आते है तो वे अपने साथ सोसायटी से खाद व बीज का अग्रिम उठाव भी कर लें । इस हेतु किसानो को अभी से ब्याज नही देना होगा बल्कि ब्याज जून माह से ही लिया जायेगा । पंचायत मंत्री श्री भार्गव ने कहा कि सभी मिलकर किसानो को समझायें कि सरकार हर वास्तविक किसान से गेहूं की खरीदी जरूर करेगी ।बैठक में कलेक्टर ने जानकारी दी कि जिले में आज दिनांक तक 1 लाख 55 हजार 275 मे.टन गेहूं 26718 किसानो से उपार्जित कर लिया है और 24095 किसानो को 183 करोड रूपये का भुगतान किया जा चुका है । जबकि गत वर्ष आज दिनांक तक मात्र 81 मे. टन गेहूं खरीद हुई थी इस प्रकार इस वर्ष अब तक दुगनी खरीदी हो गई है । जिले में 3500 से 4000 तक प्रतिदिन खरीदी हो रही है और 31 मई तक जिले में 2 लाख मे. टन गेहूं खरीदी का अनुमान है । जिले में स्थित गोदामों के अलावा अस्थाई केप भी बन रहे है ताकि 2 लाख मे. टन गेहूं की भण्डारण क्षमता विकसित की जा सके । कल तक सागर में वारदाने की रैक आने के बाद आगामी एक सप्ताह तक वारदानें की कमी नही रहेेगी ।
पार्षद के आवारा पशु को
 नहीं छोडा आयुक्त ने
सागर ।नगर निगम ने डेयरी विस्थापन के पहले आवारा पशुओं को पकडने का अभियान शुरू किया है। पहले दिन ही इस मुहिम की हवा निकल गई। हालंाकि अभियान के तहत एक पार्षद की गाय भी पकड़ी गई। उन्होंने निगम आयुक्त एसबी सिंह से गाय को जुर्माना लेकर छोडने की गुहार लगाई, लेकिन वे नहीं माने। नगर निगम का अमला दर्जन भर ही पशुओं को ही पकड़ पाया। कटरा तीनबत्ती, गुजराती बाजार, नमकमंडी, विजय टाकीज चैराहे के आसपास से आवारा पशु पकड़े गए। पशुओं ने उन्हें खूब छकाया, किसी ने पूछ तो किसी ने सींग पकड़े तब जाकर गाय-बैल काबू में आए। पकड़े गए पशुओं को वाहन पर चढ़ाना कठिन था। पार्षद की गाय भी पकड़ी

माल गोदाम शिफ्टिंग मामले में 



स्टेशन प्रबंधक की भूमिका है संधिग्ध  
सागर ।भगवानगंज इलाके में रेलवे माल गोदाम की शिफ्टिंग का मामला दो साल से अटका हुआ है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग एक करोड़ रुपए आवंटित हुए थे, लेकिन वह लैप्स हो गए या कहीं और खर्च कर दिए गए,।स्टेशन प्रबंधक एमआर मीना की भूमिका इस मामले में संधिग्ध है । विभागीय अधिकारियों ने नरयावली के बाद लिधोरा रेलवे स्टेशन के पास जगह का निरीक्षण भी किया था। इसके बाद यह प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई। डीआरएम अनिल चंद गुप्ता ने इस मामले  में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। रेलवे ने माल गोदाम के लिए पहले नरयावली को चुना था, लेकिन इसके लिए व्यवसायी राजी नहीं हुए और विरोध शुरु हो गया था। इसके बाद लिधोरा में सर्वे किया गया। अधिकारियों ने सर्वे रिपोर्ट पर हामी भी भर दी थी। सब कुछ ठीक था, सिर्फ एप्रोच रोड तैयार कर जमीन का समतलीकरण किया जाना चाहिए था, लेकिन डीआरएम के जाते ही अधिकारियों का नजरिया बदल गया और माल गोदाम के मामले में चुप्पी साध ली।वैसे भी माल गोदाम काफी जर्जर हो चुका है। इसकी मरम्मत के लिए लाखों रुपए की जरूरत होगी, इससे बेहतर है कि माल गोदाम की मरम्मत के बजाय बाहर शिफ्ट कर देना चाहिए। माल गोदाम के ऊपर लगे टीनशेड इतने क्षतिग्रस्त हो चुके हैं कि बारिश में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। ा के पास भी नहीं है।
शौक पूरा करने दे रहे थे
 वारदातों को अंजाम 
सागर। शहर व आसपास के इलाकों में 24 घंटे के दौरान लूट व डकैती डालने वाले पांच बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनमें तीन आरोपी सेना, दूरसंचार व बीमा कंपनी में पदस्थ अधिकारियों के बेटे हैं। बदमाशों की यह गैंग महंगी बाइक, शराब, सिगरेट व पहनावे का शौक पूरा करने के लिए वारदातों को अंजाम दे रही थी। उनसे धारदार हथियार भी जब्त किए गए हैं। पुलिस ने लूट व डकैती की वारदातों का खुलासा करते हुए बताया कि सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात करीब 3 बजे दो पल्सर बाइकों से आए पांच बदमाश राजघाट रोड स्थित डायमंड पेट्रोल पंप के कर्मचारी महेश जाट को चाकू मारकर रुपयों से भरा बैग छीनकर भागे थे। पुलिस ने विश्वविद्यालय पंप हाउस के पास घेराबंदी कर वारदात में प्रयुक्त बाइक व हुलिए के आधार पर तीन बदमाशों को पकड़ लिया। इसके बाद दो अन्य को भी गिरफ्तार कर लिया गया। लूट व डकैती के मामले में आरोपी सलमान पिता इफ्तिखार खान निवासी कैंट, गुड्डा उर्फ अखिलेश पिता जीपी मिश्रा आनंद नगर, जयदीप पिता मुन्नालाल मिश्रा आनंद नगर, दीपेश पित दुर्गा प्रसाद रैकवार आनंद नगर तथा विक्की उर्फ विकास पिता अशोक मिश्रा निवासी बंडा को गिरफ्तार किया गया है। बदमाशों ने डकैती के पहले संजय ड्राइव पर सीजे कोर्ट के कर्मचारी विलास सुहाने व रतौना में सतपाल ठाकुर के पेट्रोल पंप पर लूट की वारदातें भी कबूल कर ली हैं। बदमाशों को गिरफ्तार करने वाली टीम में गोपालगंज थाना प्रभारी अजय दुबे, मोतीनगर थाना प्रभारी जेबीएस कुशवाहा, सिविल लाइंस थाना प्रभारी केके मिश्रा, एसआई सुबोध मिश्रा, सीएसपी स्कवाड के लक्ष्मण दुबे, राजपाल, ब्रजेश आदि शामिल थे। पुलिस ने बदमाशों को हथियार बेचने वाले आरोपी मंगल केवट को भी सिविल लाइंस से गिरफ्तार कर लिया है। उससे छोटे-बड़े 16 बटनदार चाकू, खुखरी व बका आदि हथियार जब्त किए गए हैं। बदमाशों ने जिस चाकू से महेश पर हमला किया था, वह इसी से खरीदा गया था। सलमान के निवास से पांच बाइकों के अलावा वारदात में प्रयुक्तकाले रंग की दो पल्सर, विलास सुहाने से लूटा गया मोबाइल, पेन ड्राइव व नकदी भी आरोपियों से बरामद की गई है।
तीन साल में बंद हुए 
करीब 3 लाख लैंडलाइन कनेक्शन 
सागर प्रदेश के बीएसएनएल टेलीफोन सेवा उपभोक्ताओं ने बीते 3 साल में 2.93 लाख लैंड लाइन टेलीफोन कनेक्शन सरेंडर किए हैं, जबकि बीएसएनएल कंपनी ने इस दौरान उनके रख-रखाव पर 126 करोड़ खर्च कर दिए। यह जानकारी सांसद भूपेंद्र सिंह ने लोकसभा में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री मिलिंद देवड़ा से मिले जवाब के हवाले से दी है। 2011-2012 में हुए सबसे ज्यादा घटे कनेक्शन रू सांसद श्री सिंह के मुताबिक साल 2011-2012 में सबसे अधिक कनेक्शन घटे हैं। इस अवधि में 134998 कनेक्शन कम हुए हैं। इससे पूर्व के वर्ष 2010 एवं 2009 में क्रमशरू 90753 व 67516 कनेक्शन कम हुए हैं, जबकि इन तीन साल में 126 करोड़ रुपए लैंडलाइन के रख-रखाव में खर्च किए गए हैं। सेवा में सुधार के लिए कदम उठाए गए हैं रू सांसद श्री सिंह ने पूछा कि कनेक्शन घटने के दौरान सेवाओं में सुधार के लिए कौन-कौन से कदम उठाए गए हैं। जवाब में श्री देवड़ा ने बताया कि केबल कट होने के मामलों में कमी लाने के लिए स्थानीय प्राधिकारियों के बीच समन्वय, आउटडोर नेटवर्क का सुधार व उन्नयन, भूमिगत केबल की मरम्मत एवं दोष रहित कंप्यूटरीकृत सेवा के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी को इन कनेक्शनों की संख्या कम होने के कारण घाटा नहीं हुआ है। इसके लिए कई अन्य कारक उत्तरदायी हो सकते हैं।