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Tuesday, November 27, 2012

जयंती



बनारस में भी मनाई गई गौर जयंती

बनारस। विगत 5 सालों से काशी हिन्दू वि0वि0 में सागर से जुड़े हुए कर्मचारियों ने इस वर्ष भी डा0 हरीसिंह गौर जयंती के अवसर पर उन्हें याद किया तथा सागर से जुड़ी अपनी यादें ताजा की। मुख्य अतिथि सागर वि0वि0 के शारीरिक शिक्षा विभाग के पूर्व निदेशक डा0 आर0एन0सिंह ने डा0 गौर को महान् व्यक्तित्व बताते हुए उनकी कानून के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों को याद किया। अध्यक्षता राजनीति विज्ञान विभाग के एसोसियेट प्रोफेसर डा0 हेमंत मालवीय ने सागर और डा0 गौर को एक दूसरे का पर्याय बताते हुए डा0 गौर को नमन किया। कार्यक्रम संयोजक डा0 संजीव सराफ ने बताया कि हर वर्ष बनारस में यह आयोजन सागर तथा बनारस के पूर्व कुलपति प्रो0 डी0पी0सिंह की प्रेरणा से शुरू किया गया था तथा काशी हिन्दू वि0वि0 में सागर से अध्ययन अध्यापन करने वाले 38 व्यक्ति कार्यरत है। इस अवसर पर ज्ञानश्री,राजश्री,अक्षिता,हर्षिता ने गौर वंदना प्रस्तुत की। डा0 रानी जैन एवं प्राीति जैन ने सभी का स्वागत किया। डा0 विवेकानंद जैन ने डा0 गौर ने हिन्दू कोड बिल पर प्रकाश डाला तथा उसे अप्रतिम कृति निरूपित किया। इस अवसर पर सुरेन्द्र जैन, रामकुमार दांगी, डा0 नीरज खरे, आशीष शर्मा, चुन्नीलाल अहिरवाल, बालकराम प्रजापति, दयाशंकर दुबे सहित अनेक सागर के निवासी उपस्थित थे। मंच संचालन डा0 विवेकानंद जैन ने किया तथा आभार डा0 संजीव सराफ ने व्यक्त किया।

भाजपा महिला मोर्चा ने मनाई गौर जयंती

सागर। तीन बत्ती तिराहे पर भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष श्रीमती सरोज सिंह ने पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं के साथ दीप प्रज्जवलित कर डॉ. हरीसिंह गौर की जन्मजयंती मनायी। इस अवसर पर श्रीमती सरोज सिंह ने कहा कि डॉ. हरिसिंह गौर ने सागर में विश्वविद्यालय की स्थापना कर सागर ही नहीं समूचे मध्यप्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा दी थी। हम सभी सागरवासी उनके ऋणी हैं और उनके इस ऋण को कभी नहीं भुलाया नहीं जा सकते।

 नगर निगम में मनाई गई डा. गौर जयंती


सागर/नगर निगम द्वारा प्रख्यात शिक्षाविद् विधिवेत्ता दानवीर एवं सागर विश्वविघालय के संस्थापक डा. हरिसिंह गौर जी की जयंती महापौर कक्ष में मनाई गई। महापौर श्रीमति अनीता हरप्रसाद अहिरवार, निगमाध्यक्ष पं. विनोद तिवारी, नेता प्रतिपक्ष चक्रेश सिंघई, आयुक्त आर.पी.सिंह, एवं पार्षदगणों तथा कर्मचारियों ने गौर साहब को पुष्पांजली अर्पित कर डा. गौर अमर रहें के नारे लगाए।  महापौर श्रीमति अनीता  अहिरवार, निगमाध्यक्ष पं. विनोद तिवारी, नेता प्रतिपक्ष चक्रेश सिंघई एवं आयुक्त आर.पी.सिंह ने कहा कि डा. गौर के ऋृण को सागर वासी कभी नहीं चुका सकते। अगर गौर साहब सागर में विश्वविघालय की स्थापना न करते तो यह शहर एक छोटा सा कस्बा बनकर रह जाता विश्वविघालय की स्थापना के बाद सागर का नाम देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी जाना जाता है। गौर साहब सही मायने में सागर के विकास भागीरथी है। इसलिए अब नगर निगम गौर जयंती को और भव्यता प्रदान करते हुए प्रतिवर्ष आयोजित करेगा।