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Tuesday, April 8, 2014

लोकसभा चुनाव 2014




अजीबो गरीब संयोग है सागर सीट पर
मनोज शुक्ला
सागर। लोकसभा चुनाव में अजीबो गरीब संयोग है। कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों के बीच रोचक मुक़ाबला है। भाजपा से पूर्व मंत्री लक्ष्मीनारायण यादव को सुरखी विधान सभा चुनाव में हराकर परिवहन मंत्री पहली बार विस पहुंचे थे।अब उनके उपर ही लॉस उम्मीदवार का चुनाव संचालक बनाकर जीतने की पार्टी ने जि़म्मेदारी सौंपी है। इसी प्रकार विस चुनाव में भी कांग्रेस के गोविंद राजपूत को हारने का जिम्मा उन्हीं से हरे प्रत्याशी राजेंद्र सिंह को मिली थी। इसके अलावा भाजपा के चुनाव संचालक भूपेंद्र सिंह को पहली बार विस चुनाव में हराकर गोविंद राजपूत विधान सभा में पहुंचे थे। वैसे सुरखी में जब  यादव कांग्रेस से जुड़े थे तब वे राजपूत को जीतने में लगे रहे हैं। लेकिन आज भाजपा आने के बाद उन्हीं के खिलाफ लड़ रहे हैं। कांग्रेस की उपेक्षा के कारण पिछला लॉस चुनाव भाजपा के लिए वरदान साबित हुआ था। लेकिन इसके अलावा पिछले चुनाव का इत्तफाक दोहराया गया तो सुरखी विस से हारे प्रत्याशी की झोली में लॉस सीट चली गई थी। अब तो भाजपा  चुनाव संचालक, भाजपा प्रत्याशी,कांग्रेस प्रत्याशी  तीनों ही सुरखी से हार का सामना कर चुके हैं। अब देखना है कि इस बार किसकी किस्मत में दिल्ली दरबार का सुख भोना लिखा है। 
भाजपा प्रत्याशी को जितायें
सागर। केन्द्र में इस बार भाजपा की सरकार बनना तय है। इसलिए सागर संसदीय क्षेत्र से हमें अपने प्रत्याशी लक्ष्मीनारायण यादव को विजयी बनाना है। जिससे कि इस क्षेत्र का विकास कराया जा सके। सांसद के रूप में मैनें केन्द्र सरकार के समक्ष जिन मांगों को उठाया था, उन्हें श्री यादव के माध्यम से पूरा कराया जाएगा। उक्त उद्गार सागर संसदीय क्षेत्र के चुनाव संचालक भूपेन्द्र सिंह ने बांदरी, झींकनी, रजवांस और बरोदिया सेक्टर की बैठकों में व्यक्त किए।  दिल्ली में हमारी सरकार बनेगी तो हमारे प्रदेश का विकास तेजी से होगा। प्रदेश के जो काम रूके हुए हैं, उन्हें पूरा कराने की शुरूआत होगी। सागर लोकसभा क्षेत्र से लक्ष्मीनारायण यादव के रूप में हमारा सांसद होगा तो हम उनके माध्यम से केन्द्र से यहां का विकास करा सकेंगे।
विधायक का जनसम्पर्क 
 लोकसभा से प्रत्याषी लक्ष्मीनारायण यादव के पक्ष में सागर विधायक षैलेन्द्र जैन  ने बल्लभनगर, चन्द्रषेखर, रामपुरा एवं इतवारी वार्ड के मतदाताओं के घर-घर जाकर जनसंपर्क कर भाजपा को विजयश्री दिलाने का आर्षीवाद लिया। जनसंपर्क प्रारंभ के पहले बल्लभनगर स्थित बड़ी देबी मंदिर में पूजा अर्चना कर जनसंपर्क प्रारंभ किया गया। इस अवसर पर सागर विधायक ने कहा सागर के संपूर्ण विकास के लिये भाजपा के प्रत्याषी को विजयश्री दिलाने का आर्षीवाद मतदाता प्रदान करें।
कांग्रेस का जनसंपर्क       
कांग्रेस प्रत्याषी गोविंद राजपूत  जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सविता  राजपूत ने गांधी चौक, मोहन नगर व नरयावली नाका वार्डो में जनसंपर्क करते हुए घरों के अंदर तक जाकर महिला वर्ग में अपनी पहुंच बनाने का काम किया। इस दौरान क्षेत्रीय जनता ने विकास के नाम पर भाजपा द्वारा की जा रही वादाखिलाफी पर तीखा आक्रोष जताकर कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने का भरोसा जताया। बी.एस. जैन धर्मषाला के सामने श्री राम चौक से प्रारंभ किए गए जन सपंर्क में  नुक्कड सभाओं को संबोधित किया। कांग्रेस प्रत्याषी को भारी बहुमत से विजयी बनाने की अपील की। 

आदर्श संगीत महाविद्यालय




कला पारखियों का नहीं है 

वास्ता आदर्श से

मनोज शुक्ला
  
सागर। ललित कला मण्डल द्वारा संचालित आदर्श संगीत महाविद्यालय में खुलासा हुआ है कि यहाँ पदस्थ प्रभारी प्राचार्य सुनील भट्ट दागदार छबि के हैं। फिर भी मण्डल अध्यक्ष कि कृपा के वे लंबे अरसे से इस पद पर बने थे। लेकिन अध्यक्ष पर जब  संरक्षणके आरोप लगने  लगे तो हाल ही में उन्हें पद से हटा दिया। इस घटना से उजागर होता है कि कला पारखियों का आदर्श से वास्ता नहीं है।
      गौरतलब है कि प्रभारी प्राचार्य पर लोकयुक्त में मामला विचाराधीन है। फिर भी जानकर मण्डल ने पद लायक बनाकर रखा था। वैसे  भी यहाँ पर नकली टाइप के कला प्रेमी कालेज चला रहे हैं। एक अत्यधिक व्यस्त डॉ एक कभी कुत्ते पालने का शौकीन रहा एक एसी महिला जो अपने नाम को जिंदा रखने हरेक संस्था से जुडने में गर्व महसूस करती हैं। जबकि यहाँ पर शुरुआत के दिनों में वास्तविक कला प्रेमी जुड़े थे। फलस्वरूप कुमार गंधर्व जैसी हस्ती ने आधारशिला रखी थी।लेकिन धीरे धीरे इसे हथियाने की साजिश रची गई। जिससे असली पारखी दूर हो गए,यही कारण है कि आज भी भवन पूरा नहीं हो सका है। परिसर की कोई सुरक्षा नहीं है,दूसरी ओर यहाँ की बुनियाद हिलाकर अपनी बुनियाद मजबूत करने में जुट गए हैं।
       वैसे यहाँ पर कवि अशोक वाजपई की कृपा दृष्टि रही है। लेकिन उन्हें भी कोई सिला नहीं मिला। कालेज के सूत्रों का कहना है कि शिक्षकों को आज भी समय और शासन मापदण्डों के अनुरूप नहीं दिया जा रहा है। दूसरी ओर स्वयं के संस्थान,बेटे,बेटी को नामचीन कलाकार बनाने में तन्मयता से जुटे हैं। लेकिन यहाँ के विद्यार्थियों को नाम और नया मुकाम दिलाने की दिशा में पहल नहीं होती है। यहाँ तो केवल शोषण को तबब्जों मिलती है