कुल दृश्यपृष्ठ

Saturday, November 30, 2013

लोकदलत 2013



रंजिs से बढकर कोई जहर नहींः सिंह
पुष्पेन्द्र-रेखा फिर व्यतीत करेंगे पुनःसाथ-साथ दाम्पत्य जीवन

सागर। छोटे न्यायालयों में यदि पक्षकार को लाभ भी मिल जाये तो भी वह बहुत कुछ .........देता है । किन्तु लोक अदालत न्याय पाने का वह माध्यम है। रंजिस वह जहर है जो सब जहरो से बड़ा है खुद के साथ आगामी पीढ़ी को भी इस जहर में डुबो देता है।वे जिससे सभी पक्षों का विवाद मन से खत्म हो जाता है रंजिस दूर हो जाती है । आपने कहा कि छोटे-मोटे विवाद समझोते से हल हो जाये तो समाज का सुधार होगा जो परिवार अपने को विवाद से बचा लेते है वे ही समृद्व होते है । डीजे एच.पी.सिंह
 राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अभिनव प्रयास की कड़ी में प्रदेष के अन्य जिलों की तरह सागर जिले में प्रथम नेषनल एवं मेगा लोक अदालत के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। पुष्पेन्द्र पटैल व श्रीमती रेखा पटैल कोें पुनःसाथ-साथ दाम्पत्य जीवन व्यतीत करने का निर्णय सौपा गया । सुषील भारतीय व अन्य प्रकरण में नेषनल इन्ष्योरेंस कम्पनी की ओर से 13 लाख 39 हजार 608 रूपये की अवार्ड राषि का चेक, त्रिलोक विरूद्व विनोद प्रकरण में न्यू इंडिया कम्पनी की ओर से 5 लाख 50 हजार का चेक, आदिम जाति कल्याण विभाग की योजना के तहत श्री प्रफुल्ल कुमार व दीपाली विष्वकर्मा को अर्न्तजातीय विवाह प्रोत्साहन की 50 हजार रूपये राषि का चेक, सामाजिक न्याय विभाग अंतर्गत तीन पक्षकारों को निःषक्जतन विकलांग छात्रवृत्ति और तीन पक्षकारो को एम.आर.विट्स का वितरण अतिथ्यिों के हाथो से कराया गया । अनेक पक्षकारों को प्रतीक स्वरूप मंच से अतिथियों ने लाभ संबंधी चेक और प्रमाण-पत्र वितरित किये। इस अवसर पर शासकीय कलापथक दल ने वंदेमातरम और लोक अदालत आयोजन संबंधी गीतों की प्रस्तुति दी । लोक अदालत का संचालन विषेष न्यायाधीष श्री भारत भूषण श्रीवास्तव ने किया और लोक अदालत की अवधारणा की जानकारी उपलब्ध कराई । साथ ही आयोजन में सहयोग करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के प्रति आभार व्यक्त किया ।