भाजपा के जीते विधायक शैलेंद्र पर
लटक रही हैं दो-दो तलवारें
मनोज शुक्ला
सागर। इन दिनों विधान सभा चुनाव को लेकर सभी ओर
गहमा-गहमी मची है। सागर जिले में मुख्य दल कांग्रेस और भाजपा के बीच घमासान मचेगा
लेकिन दोनों ही दलों के बीच में गुटबाजी को लेकर पहले से ही घमासान मचा है। सागर
विस क्षेत्र को लेकर कांग्रेस बीड़ी उद्योगपति स्वदेश जैन को टिकट देने का मन बना
चुकी है। भाजपा के जीते विधायक शैलेंद्र जैन पर तलवार लटक रही है,एक तलवार सांसद भूपेंद्र सिंह की है,दूसरी तलवार
हारे मुकेश जैन की क्योंकि उमा भारती की वापसी जो हो गई है। सांसद भाजपा की तीसरी
जीत के मद्देनजर अपने आपको पहले से ही
मंत्री मान चुके हैं। इसलिए सागर से वे
चुनाव लड़ने की इच्क्षा रखते है,एसी चर्चा राजनैतिक गलियारों
में खूब ज़ोर पकड़े है। इन चर्चाओं की वजह
से सिटिंग एमएलए शैलेंद्र जैन जहां विचलित हैं वहीं सक्रियता भी दिखाना रही है। दो- दो भाजपाई उन्हें टिकट नहीं मिले
पूरे प्रयास में हैं,हालांकि इस चक्कर में उन्होने उमा भारती
के अभिनंदन समारोह में बाजी मार ली। जबकि मूल आयोजन मुकेश जैन का था,इस लिहाज से उनकी यह पहली जीत कही जा सकती है। अपने घर पर खाना और सर्किट
हाउस में पत्रकार वार्ता का प्रबंध एमएलए ने करके मुकेश की दुकान लूट ली। जबकि उमा
भारती की कृपा से ही भाजपा विधायक शैलेंद्र जैन के खिलाफ भाजश ने मुकेश को मैदान
में उतारा था। यह अलग बात है कि उन्होने उमा भारती के नाम को बट्टा लगा दिया था।
अब फिर वे उम्मीद से हैं,इसी चक्कर में अभिनंदन समारोह के
आयोजन की नींव रखी गई।
भूपेंद्र सिंह विधायक से शुरू से ही पीड़ित रहे हैं। विधायक की तुलना में
उनके समर्थकों की संख्या नगण्य है। निगम महापौर,पार्षद,जैन समुदाय,छोटे और गरीब तबके के लोग की अच्छी ख़ासी
संख्या है। जबकि सांसद के यहाँ सुरखी विधायक गोविंद सिंह के जासूस के तौर पर एक
विद्याचरण शुक्ल के समर्थक जुड़े हैं। फलस्वरूप सुरखी में भाजपा के पास दमदार
प्रत्याशी कभी नहीं रहा हैं। इस बार भी कांग्रेस के पास गोविंद का और विधायक रह
चुके हैं, भाजपा के पास प्रत्याशी ही नहीं है। जबकि सांसद
सुरखी से दो बार विधायक रह चुके हैं साथ ही अपना कार्यक्षेत्र बनाएँ है। यही नहीं
उनकी पत्नी सरोज सिंह भी यहाँ सक्रिय रहती
हैं लेकिन दोनों ही टिकट के लिए दावेदारी नहीं करते हैं। यह मामला रहस्यमयी है,अब तो सभी तरफ चर्चा है कि वे स्वयं कांग्रेस के विधायक गोविंद को लगातार
तीसरी जीत कि ओर ले जा रहे हैं।
अर्थहीन साबित हो रहा
सुरक्षा प्लेटें लगाना
मनोज शुक्ला
सागर।सांसद
भूपेंद्र सिंह ने करीब एक साल पहले बड़ी शान से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का
उदघाटन किया था । लेकिन फिर उन्होने कोई सुध नहीं ली। फलस्वरूप रजिस्ट्रेशन प्लेटो में देरी से वाहन चालक परेशान
हैं। इसके अलावा शासन स्तर के काम भी अधूरे
हैं फलस्वरूप सुरक्षा प्लेटे लगाना अर्थहीन साबित हो रहा है।टोल टेक्स नाकों सहित अन्य
जरूरी स्थानों से फर्जी पंजीयन वाले वाहन नहीं
निकाल सके ऐसे स्केनर आदि साधन नहीं लग सके हैं।
आरटीओ अजय गुप्ता के पास ठेकेदार कंपनी
का एग्रीमेंट तक नहीं है। फिर भी दावा करते है कि मानीटरिंगकी जा रही है। सुपरवाइजर
अखिल गुप्ता हमेशा स्टाक की कमी का बहाना बना कर प्लेटे लगाने में देरी की गलती को
छुपा लेते हैं।यही नहीं वे निर्देशों के मुताबिक प्लेटे नहीं बना पा रहे हैं जिससे सुरक्षा पर सवाल लग गए हैं। इसके
बाद भी आर टी ओ ध्यान नहीं दे रहे हैं। विगागीय सूत्रों का कहना है कि लिंक उत्सव से
वे हर माह सुविधा शुल्क वसूलकर गलतियाँ छिपा रहे हैं। सागर जिले में प्लेट बनाने का
काम अप्रैल 2012 में शुरू हुआ था। सभी किस्म के वाहनों का उनके रजिस्ट्रेशन नंबर के
साथ रिकार्ड रखने के के निर्देश हाईकोर्ट दिए
थे। लिंक उत्सव ऑटो सिस्टम की लापरवाही की वजह से वहाँ मालिक परेशान हैं। ठीले कम की
वजह से वाहनों में ही नई प्लेटें लगाने में देरी हो रही है। दूसरी ओर नई प्लेटों से मोनो उखडऩे लगा है। जरूरत के लिहाज से क'चा माल समय
पर नहीं मिलने से से काम पि़छडता जा रहा है। काम समय पर नहीं होने से हर दिन लोग शिकायतें लेकर
आ रहे हैं। ठेकेदार के पास साधनों की कमी है।