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Saturday, December 1, 2012

आसाराम बापू का खुलासा


आश्रम के खिलाफ लगाये गये आरोप निराधार

डी.के.त्रिवेदी कमीशन के सामने बापू ने किया खुलासा
    
अमदावाद- । संत आशाराम गुरुकुल, अहमदाबाद में पढ़नेवाले दो बच्चों की अपमृत्यु के संबंध में बापू ने शनिवार को अमदावाद में इस मामले की जाँच कर रहे डी.के.त्रिवेदी कमीशन के सामने खुलासा  करते हुए कहा कि यह आश्रम को बदनाम करने का  सुनियोजित षड्यंत्र था। आश्रम की ओर से दावा किया गया है कि सभी आरोप निराधार साबित हुए है| |उल्लेखनीय है की इस मामले में 9-11-12 को सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में आश्रम के सात साधकों पर आपराधिक धारा 304 लगाने की गुजरात सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है। मामले की सीबीआई से जाँच कराने की माँग को भी ठुकरा दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को मान्य रखा है ।

 न्याय-सहायक विज्ञान प्रयोगशाला,शव-परीक्षण  आदि कानूनी एवं वैज्ञानिक रिपोर्टें बताती हैं कि बच्चों के शरीर के अंगों पर मृत्यु से पूर्व की किसी भी प्रकार की चोटें नहीं थीं। दोनों ही शवों में गले पर कोई भी जख्म नहीं था । सिर के बालों का मुंडन या हजामत नहीं की गयी थी। बच्चों के साथ किसीने सृष्टिविरुद्ध कृत्य नहीं किया था। बच्चों के शरीर में कोई भी रासायनिक विष नहीं पाया गया । एफएसएल रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि दोनों बच्चों के शवों पर जानवरों के दाँतों के निशान पाये गये अर्थात् शवों के अंगों को निकाला नहीं गया था अपितु वे जानवरों द्वारा क्षतिग्रस्त हुए थे । दोनों बच्चों पर कोई भी तांत्रिक विधि नहीं की गयी थी । पुलिस, सीआईडी क्राइम और एफएसएल की टीमों के द्वारा आश्रम तथा गुरुकुल की बार-बार तलाशी ली गयी, विडियोग्राफी की गयी, विद्यार्थियों, अभिभावकों तथा साधकों से अनेकों बार पूछताछ की गयी परंतु उनको तांत्रिक विधि से संबंधित कोई सबूत नहीं मिला ।

 जाँच अधिकारी द्वारा धारा 160 के अंतर्गत विभिन्न अखबारों एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों तथा सम्पादकों को उनके पास उपलब्ध जानकारी इकट्ठी करने के लिए सम्मन्स दिये गये थे । सूचना एवं प्रसारण विभाग, गांधीनगरद्वारा अखबार में प्रेस-विज्ञप्ति भी दी गयी थी कि किसीको भी आश्रम में यदि किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि अथवा घटना होती है ऐसी जानकारी हो तो वह आकर जाँच-अधिकारी को जानकारी दे । यह भी स्पष्ट किया गया था कि जानकारी देनेवाले उस व्यक्ति को पुरस्कृत किया जायेगा एवं उसका नाम गुप्त रखा जायेगा । इस संदर्भ में भी कोई भी व्यक्ति सामने नहीं आया ।

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