पूर्व
मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को कार्यकर्ताओं को
समझाने
मंच से नीचे उतरना पड़ा
कांग्रेस के संभागीय महासम्मेलन में कांग्रेसियों की अनुशासनहीनता
का फिर से मुद्दा बना रहा। जहां पिछले दिनों तैयारी बैठक में प्रदेश आधायक्ष को अनुशासनहीनता सहना पड़ी
थी। 27 दिसंबर को बार-बार समझाने के बाद भी कांग्रेसी नेताओं के शक्ति प्रदर्शन होते रहे। फलस्वरूप नेता
प्रतिपक्ष अजय सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस पर कड़ा ऐतराज
जताया।
मनोज शुक्ला
सागर। गरीबों, मजदूरों, किसानों और अजा-जजा वर्ग को कांग्रेस सम्मान दिलाएगी। साथ ही मध्यप्रदेश से भाजपा की
सरकार को उखाड़ फेंकेगे। ऐसे विचार पूर्व
मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने व्यक्त किए। वे कांग्रेस के संभागीय महासम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। गौरतलब है कि वर्ष 2013 में विधानसभा के
चुनाव होना है। इसलिए कांग्रेस ने अभी से
सरकार बनाने के लक्ष्य के साथ बुंदेलखंड के सागर से पहले सम्मेलन की शुरूआत की है। दूसरी ओर कांग्रेसियों की अनुशासनहीनता से
वे बहुत अधिक दुखी हो गए। वे यह भी कह गए कि
ऐसे में सरकार नहीं बना पाएंगे।
सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने
भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
उन्होंने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर कई आरोप लगाए। भाजपा की सरकार
ने लूटने का काम किया है। यहां पर कोई कानून
व्यवस्था नहीं है। केवल जंगलराज चल रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को सलाह दी है कि वे इज्जत -आबरू बचाने की बात करें।
प्रदेश में बलात्कार के सर्वाधिक मामले हुए हैं और यहीं पर कुपोषण के शिकार भी अत्यधिक बच्चे हैं। यह भी आरोप लगाया कि पंचायती राज
व्यवस्था को शिवराज सरकार ने तहस नहस कर दिया है।
पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी करीब 3 घंटे की देरी से आए। उन्होंने
आते ही संबोधन दिया। उनका कहना था कि
बुंदेलखंड सूखा, प्राकृतिक आपदाओं के लिए पहचाना जाता है। भाजपा की सरकार ने
बुंदेलखंड की चिंता नहीं की है। राहुल गांधी ने क्षेत्र के दुखदर्द को समझा है और वे स्वयं क्षेत्रवासियों से मिले
हैं। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने संक्षिप्त नाराजगी भरे उदबोधन में कहा कि सम्मेलन
में नेताओं ने अव्यवस्था फैलाई है। इसलिए हम व्यवस्था सुधार लें तो इनकी
व्यवस्थाएं अपने आप ही सुधर जाएंगी। इस अवसर पर पूर्वमंत्री प्रभू सिंह, राजा पटैरिया, खुरई विधायक अरूणोदय चौबे, प्रेमचंद
गुड्डू, राव उदय प्रताप सिंह, ब्रजेन्द्र
सिंह राठौर, नैवी जैन, ब्रजभान यादव,
मनोज त्रिवेदी, श्रीकांत दुबे, दिव्या रानी, जीतू पटवारी, हरीशंकर
चौधरी सहित संभाग के पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, सागर,
दमोह क्षेत्रों के विधायकों
सांसदों, पूर्व सांसदों, पदाधिकारियों
ने भी संबोधित किया। सभी ने एक मत से
भाजपा सरकार की आलोचना की । साथ ही भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया।
इन्होंने कहा
जिसका दोना
ढरका है,सूखा खाना पड़ता है। यही वजह है कि भाजपा 9 वर्षों
से सत्ता में है और हम पंगत में सूखा खा रहे हैं।
हरवंश सिंह, विस उपाध्यक्ष
हरवंश सिंह, विस उपाध्यक्ष
न संघर्ष, न तकलीफ
फिर क्या मजा है जीने का । तूफां भी रूक जाए
जब लक्ष्य हो सीने में।
गोविंद सिंह राजपूत, सुरखी विधायक
गोविंद सिंह राजपूत, सुरखी विधायक
संगठन से भी जरूरी काम
प्रदेश प्रभारी महासचिव बीके हरी प्रसाद को संगठन से ज्यादा जरूरी काम निकल आया। वे कुछ समय
रूके और संबोधन देकर कहा कि भाजपा विकास
की शुरू से विरोधी रही है। इतिहास गवाह है कि पहले आरएसएस फिर हिन्दू महासभा, जनसंघ और अब भाजपा भी यही काम कर रही है। उन्होंने उदाहरण दिया कि जब इंदिरा गांधी ने गरीबी हटाओ का नारा दिया तो इन लोगों ने इंदिरा गांधी हटाने की
मुहिम छेड़ी।
दावे के अनुरूप नहीं जुटी भीड़
कांग्रेस के महासम्मेलन की तैयारियों के समय सभी कांग्रेसियों ने क रीब एक लाख के आसपास भीड़ जुटाने का दावा किया था। लेकिन यह आंकड़ा वे छू नहीं सके ।
मात्र कुछ हजारों की संख्या में ही कार्यकर्ता महासम्मेलन में शामिल हो सके । यही
नहीं आदर्श गार्डन में अनुशासनहीनता की घटना के बाद महासम्मेलन आयोजन के दिन घटना से प्रभावित नेताओं को तवज्जो नहीं दी गई। इस प्रकार ऐसा लग रहा था
मानो वे सम्मेलन में उपस्थित ही नहीं है। दूसरी ओर दमोह के नगर पालिका अध्यक्ष मनु मिश्रा के समर्थकों को बार-बार सुरखी विधायक गोविंद सिंह राजपूत सहित अन्य नेताओं ने शक्ति
प्रदर्शन के लिए रोका ।लेकिन उनके समर्थकों ने समझाईश को दरकिनार कर दिया। इसी प्रकार मंच से यहां तक घोषणा करना पड़ी कि राजेश्वर सेन, हर्ष यादव, मनु मिश्रा पर अनुशासनहीनताकी कार्रवाई की
जा सकती है। फिर भी इतना सब होने के बाद जैसे ही दिग्विजय सिंहका आगमन हुआ। उनके समर्थकों ने भी अपनी अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। इसी प्रकार सबसे अधिक देर में आए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी के
समर्थकों ने भी यही सब किया। जिससे नेता
प्रतिपक्ष अजयसिंह, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह,
विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह सहित वरिष्ठ नेताओं ने ऐसी अनुशासनहीनता के
लिए कड़ा ऐतराज दर्ज कराया। पूर्व मुख्यमंत्री
दिग्विजय सिंह ने यहां तक कह दिया कि अगली
बार जहां भी सम्मेलन हो वहां पर मंच नहीं बनाया जाए। केवल जिस अतिथि का नाम बुलाया जाए। उसे बोलने के लिए मंच दिया जाए। इसके अलावा उनका यह भी कहना था कि कांग्रेसी झंडों पर अपने नाम न
लिखाएं। इसके बदले झंडे पर कां ग्रेस का चुनाव चिन्ह पंजे के निशान को बनवाएं।
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