कूपों पर अब तक 60 करोड
44 लाख रूपये
राषि व्यय
सागर ।
भारत सरकार के योजना आयोग की दो सदस्यीय क्विक इम्पेक्ट असिस्मेंट स्टडी टीम ने बुन्देलखंड
विषेष पैकेज अंतर्गत कराये गये कार्यो की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की । संभागायुक्त ने बैठक में बताया कि बुन्देलखंड पैकेज
के अंतर्गत सभी 6 जिलो में कुल 352 स्टापडेम
स्वीकृत किये गये थे, जिनमें से 218 पूर्ण
हो चुके है तथा 23 विभिन्न कारणों से निरस्त
हो गये है । शेष स्टापडेम निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार 41600 कपिलधारा
कूपों के लक्ष्य के विरूद्ध जिलों द्वारा 52866 कूप स्वीकृत
किये गये,
जिनमें से 36826 कूप पूर्ण
हो चुके है तथा 31058 पम्प वितरित किये जा
चुके है । स्वीकृत कूपों में से 12498 प्रगति पर है । पूर्ण
एवं प्रगतिरत कूपों पर अब तक 60 करोड 44 लाख रूपये
राषि व्यय हो चुकी है । जल संसाधन विभाग के
कार्यो की समीक्षा में बताया गया कि विभाग के अंतर्गत कुल 230 योजनाये
स्वीकृत की गई है । इनमें से कमांड क्षेत्र का विकास एक, बरियारपुर
नहर वृहद परियोजना एक, सिंहपुर बैराज मध्यम परियोजना
एक,
निर्माणाधीन लघु सिंचाई योजना 49, सुधार, सुदृणीकरण, पुनरूद्धार
के कार्य 78, नहर क्षमता की पुनः प्राप्ति तीन तथा नवीन लघु
सिंचाई योजनाएं 97 शामिल है ।
इन योजनाओं
के लिये स्वीकृत 915 करोड़ 77 लाख रूपये
राषि में से अब तक 765 करोड़ 71 लाख रूपये
व्यय किये जा चुके है । मुर्रा सांड़ प्रदाय योजनांतर्गत कुल 2403 इकाई
स्वीकृत की गई है, जिनमें से 1723 इकाई
प्रदाय की जा चुकी है । इन पर चार करोड़ 52 लाख रूपये
राषि व्यय हुई है । इसी प्रकार बकरी इकाई प्रदाय योजनांतर्गत स्वीकृत हितग्राहियों
की संख्या 5296 है । इनमें से 3421 हितग्राहियों
को बकरी इकाई का प्रदाय कर दिया गया है । इन पर 17 करोड़
55 लाख रूपये
राषि व्यय हुई है । बैठक में बताया गया कि फॉडर बैंक गोडाउन की स्थापना के अंतर्गत
रतोना जिला सागर, मिनोरा जिला टीकमगढ़ तथा
पवई जिला पन्ना में कार्य पूर्ण हो चुका है । इसके अलावा बकरी प्रक्षेत्र शेडों का
भी निर्माण कराया गया है ।दुग्ध विकास की समीक्षा में बताया गया कि बुन्देलखंड पेकेज
के जिलों में प्रतिदिन 28516 किलोग्राम दुग्ध का संकलन
हो रहा है । कमिष्नर श्री माथुर ने डेयरी फेडरेषन के अधिकारियों को निर्देष दिये कि
पशु पालकों को समय पर उचित भुगतान करें, ताकि पशु
पालको को कठिनाई न हो और दुग्ध का उत्पादन बढ़ाया जा सके । इसके अलावा अधिक मिल्क रूट
बनाये जायें । उन्होंने भारत सरकार से इस कार्य के लिये और अधिक राषि उपलब्ध कराने
की अपेक्षा की । बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, कृषि, मण्डी
बोर्ड तथा वन विभाग के कार्यो की भी समीक्षा की गई । समीक्षा बैठक में संभागायुक्त
नाबार्ड कन्सल्टेंसी सर्विसेज के प्रिंसिपल रिसर्च एण्ड टीम लीडर कन्सल्टेंट जिला पंचायतों
के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, वन विभाग, कृषि विभाग, जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी, डेयरी, मण्डी
बोर्ड,
उद्यानिकी, पशुपालन तथा अन्य संबंधित
विभागों के संभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे ।
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