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Wednesday, January 18, 2012


षीत लहर से फसलो में पाला पडने की आषंका
सागर ।. जिले में कुछ समय से शीत लहर का प्रकोप जारी होने से फसलो पर पाला पडने की संभावना है । फसलो को पाले से बचाने हेतु खेतो के पास 10-10 मीटर के अंतर पर कचरे के ढेर लगाकर सांय 6 बजे से आग लगाए । इस तरह निर्मित हुए धुंये से फसलो को पाले से बचाया जा सकता है तथा सुबह-सुबह दो आदमी रस्सी लेकर फसल की कतारो के बीच चले ताकि फसलो पर जमी ओस की बूंदे पौधो से गिर जावें । पाले की समझ पडने पर सिंचाई करे एवं रात्रि में फसलो के आस-पास बडे लाईट पावर के वल्व की रौशनी करें । सल्फेक्स 2 एम.एल. का छिडकाव भी पाले से बचाव हेतु करें ।फसलो के लिए नीलकंठ, कावर पैगा काली चिडिया गलगलियां पक्षी मित्र होते है इन्हें बैठाने के लिये फसल में एक फुट उंची मुडी हुई टी आकार की लकडियॉं  खेतो में 40-50 खूटी प्रति हेक्टर लगा दें । ताकि ये मित्र पक्षी इन लकडियो पर बैठकर इल्लियो को चुनकर नष्ट कर सके । चना की फसल पकने से पहले खूटी हटा लें । जिससे मित्र पक्षी फसल को नुकसान न कर सके । प्रारंभिक अवस्था की इल्लियो को नियंत्रण हेतु 0.03 प्रतिशत नीम तेल 2.50 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिडकाव करें ।रसायनिक पद्धति से फसल उपचारके लिए प्रति मीटर कतार में 2 या 3 से अधिक इल्लियां मिलने पर फसल पर निम्नानुसार बताये गये किसी एक कीटनाशक का छिडकाव करें । छिडकाव इस तरह करें कि फसल पूरी तरह दवा के घोल से भीग जाये । एक हैक्टेर फसल के लिये कीटनाशक की निम्नानुसार मात्रा का 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर उपयोग करें ।फसल मे कीटनाशक के तहत प्रोफेनोफास 50 ई.सी. 1.00 लीटर, क्यूनालफास 25 ई.सी. 1.25 लीटर, ट्रायजोफास 40 ई.सी. 1.00 लीटर और प्रोफेनोफास ़ सायपरमेथिन 50 ईसी. 1.00 लीटर डाले ।छोटी अवस्था में इल्लिया किसी भी कीटनाशक को मर जाती है लेकिन बडी अवस्था के नियंत्रण के लिये क्यूनालफॉस 25 ई.सी. प्रति हेक्टेयर 1.25 लीटर डाले । कीटनाशक दवाओ का उपयोग करें । यदि इल्ली बडी हो गई है तो प्रोफेनाफास सायपरमेथिन मिश्रण ही प्रभावी हो पाते है । यदि छिडकाव हेतु पंप या पानी की उपलब्धता की समस्या हो तो छोटी अवस्था की इल्लियां पर
क्यूनालफास 1.5 प्रतिशत चूर्ण या मिथाईल पैराथियान 2 प्रतिशत चूर्ण या फैनवलरेट 0.4 प्रतिशत चूर्ण का 25 किलो प्रति हैक्टर की दर से भुरकाव करें । चूर्ण का भुरकाव डस्टर से ही करे जिससे दवा का फसल पर समान रूप से भुरकाव हो सके । अवश्यकता पडने पर 15 दिनो बाद दूसरा छिडकाव या भुरकाव करें । कृषक निजी विक्रेताओ से दवा क्रय करते समय रसीद प्राप्त करें एवं सभाव कर रखे । कीटनाशक औषधी का उपयोग सुझाई गई मात्रा अनुसार करें । मियाद समाप्ति वाली दवा का उपयोग न करें और कृषक औषधी का प्रयोग करने के बाद हाथ साबुन या राख से अवश्य धोवें एवं डिब्बा नष्ट कर दें ।

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